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उत्तर भारतीयों के बीच बोले राज ठाकरे, महाराष्ट्र में नौकरियों पर पहला हक़ मराठियों का

पहली बार हिंदी में सभा को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि हिंदी बहुत प्यारी भाषा है. लेकिन यह गलत है कि हिंदी राष्ट्र भाषा है. अभी तक राष्ट्रीय भाषा पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

Updated on: 02 Dec 2018, 11:19 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) की राजनीति की शुरुआत उत्तर भारतीयों के विरोध से शुरू हुआ. लेकिन सियासत में आगे बढ़ने के लिए राज ठाकरे अब उत्तर भारतीयों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. आज यानी रविवार को राज ठाकरे उत्तर भारतीय महा पंचायत के मंच पर आकर उत्तर भारतीयों को संबोधित कर रहे हैं. पहली बार हिंदी में सभा को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि हिंदी बहुत प्यारी भाषा है. लेकिन यह गलत है कि हिंदी राष्ट्र भाषा है. अभी तक राष्ट्रीय भाषा पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. हिंदी भाषा की तरह, मराठी, तमिल, गुजराती है, ये सभी इस देश की भाषाएं हैं.

उन्होंने कहा कि उत्तर भारतीयों को कुछ मेरी बातें समझनी है इसलिए हिंदी में भाषण दे रहा हूं. उन्होंने सवाल करते हए कहा कि इंटरस्टेट माइग्रेशन एक्ट किसी ने पढ़ा है. यह हम हवा में कहते हैं कि कोई भी कहीं भी जा सकता है रह सकता है. ऐसा नहीं है.

देश में जो घटनाएं हुई हैं हमें देखनी और समझनी चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है. ज्यादा लोगों के माइग्रेशन से स्थानीय को दिक्कत होती है. अगर कही हम जाते हैं तो वहां का मान रखना चाहिए. अगर हम विदेश जाते हैं तो वहां अंग्रेजी में बोलते हैं. महाराष्ट्र में जो हुआ उसका माहौल बनाया गया वो भी दिल्ली में बैठी मीडिया ने.

राज ठाकरे ने कहा कि आसाम में बिहारियों का कत्ल किया जा रहा है, क्या बड़ा आंदोलन हुआ. मीडिया के लोग उसपर बात नहीं करना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले गुजरात में बिहारियों को मारा गया और वहां से लोग निकलकर मुंबई आ गये. सवाल पीएम नरेंद्र मोदी से क्यों नहीं पूछते हैं ? गुजरात में खबर दबाई गई. किसी ने ना तो मुख्यमंत्री से सवाल किया ना अमित शाह से और ना ही पीएम मोदी से.

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राज ठाकरे ने रेलवे एग्जाम में हुई घटना पर बोला कि भर्ती महाराष्ट्र के लिए था, लेकिन किसी भी न्यूज पेपर में विज्ञापन नहीं था, सब यूपी और बिहार के राज्यों में दिया गया. जिसके बाद माहौल बिगड़ा. लोगों ने कहा कि नौकरी पहले यहां के लोगों को मिलना चाहिए. यहां भी भाषा की वजह से गलतफहमी बढ़ी. क्योंकि हमारी भाषा उन्हें समझ नहीं आई.

इसके साथ ही राज ठाकरे ने रोजगार को लेकर कहा कि यदि महाराष्ट्र में रोजगार के मौके हैं तो क्या यह गलत है कि महाराष्ट्र के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए? उन्होंने कहा कि यदि कल को उत्तर प्रदेश में कोई उद्योग स्थापित होता है तो वहां के युवाओं को रोजगार के लिए प्राथमिकता मिलनी चाहिए, यही बिहार में भी होना चाहिए, इसमें गलत क्या है?

राज ठाकरे ने सवाल करते हुए कहा कि आपको नहीं लगता कि आप बाहर जाते हैं तो जिल्लत की ज़िंदगी जीनी पड़ी है. आपलोगों का स्वाभिमान कहां चला जाता है? वहां के नेता काम नहीं करते हैं, उनसे सवाल क्यों नहीं करते हैं. ये तथाकथित उत्तरभारतीय नेताओं ने आग लगाई है.

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर भारत से रोजाना 48 ट्रेनें आ रही हैं, वो भरकर आती हैं और यहां से खाली जाती हैं. ये समझना चाहिए की राज्य की कैपिसिटी कितनी है. इस शहर की जो हालत हुई है, स्कूल- कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल रहे. फुटपाथ पर लोगों को चलने को नहीं मिल रहा. यह सब जनसंख्या बढ़ने के कारण हुआ है.

इतना ही नहीं राज ठाकरे ने क्राइम के लिए भी उत्तर भारतीय को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि पुलिस से पूछिए उनकी ज्यादातर जांच यूपी-बिहार के आसपास चल रही है, क्योंकि ये क्राइम करते हैं और चले जाते हैं. 1995 से पहले की मुंबई कुछ और थी और अब की कुछ और. यदि क्रिमिनल्स आ रहे हैं तो राज ठाकरे बर्दाश्त नहीं करेगा.

इसके साथ ही राज ठाकरे ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा. राज ठाकरे ने कहा कि नरेंद्र मोदी की भाषा बदल गयी, जब मुख्यमंत्री थे तब कुछ और थी प्रधानमंत्री बनने के बाद कुछ और ही बोलते हैं. पहले कहते थे कि केंद्र सरकार हमें कुछ नहीं दे हम उन्हें कुछ नहीं देंगे. अब कहते हैं कि हम राज्यों को कुछ नहीं देंगे और आपका भी ले लेंगे.