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#MeToo : विदेशी दौरा छोड़ आज वापस आ सकते हैं एमजे अकबर, इस्‍तीफे की हो रही मांग

#MeToo campaign विवाद में घिरे केन्‍द्रीय मंत्री एमजे अकबर पर इस्‍तीफे देने का दबाव बढ़ता जा रहा है.

Updated on: 11 Oct 2018, 11:20 AM

नई दिल्‍ली:

#MeToo campaign विवाद में घिरे केन्‍द्रीय मंत्री एमजे अकबर पर इस्‍तीफे देने का दबाव बढ़ता जा रहा है. मीडिया के हवाले से खबरें आ रही हैं कि उनको नाइजीरिया का दौरा जल्‍द खत्‍म कर आज यानी गुरुवार को ही भारत लौटने को कहा गया है. एमजे अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगया है. वहीं सूत्रों का कहना है कि एम जे अकबर के विदेश से वापस आने के बाद उनसे इस पूरे मामले पर सफाई मांगी जाएगी, उसके बाद उनके ऊपर फैसला लिया जा सकता है की वो मंत्री पद पर रहेंगे या नहीं.

पहले उनको शुक्रवार को लौटना था
सूत्रों के मुताबिक एमजे अकबर शुक्रवार को वापस लौटने वाले थे, लेकिन उन्हें अब गुरुवार को ही लौटने को कहा गया है. सरकार और पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों ने कहा कि वे उनके भविष्य को लेकर विचार करेंगे.

इस्‍तीफे की मांग
'मी टू' अभियान के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अलावा अन्‍य कई लोगों ने उनके इस्तीफे की मांग की है. माना जा रहा है कि नाइजीरिया की आधिकारिक यात्रा से लौटने के बाद केंद्र सरकार उनसे इस्तीफे की मांग कर सकती है. वहीं मीडिया में आई खबरों के अनुसार एमजे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद सरकार में बेचैनी है और उनका बचाव करती नहीं लग रही है.

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इन लोगों ने लगाए हैं आरोप
प्रिया रमानी और प्रेरणा सिंह बिंद्रा नाम की दो महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. प्रिया रमानी का कहना है कि एमजे अकबर ने होटल के एक कमरे में इंटरव्यू के दौरान कई महिला पत्रकारों के साथ आपत्तिजनक हरकतें की हैं.

वहीं, प्रेरणा सिंह बिंद्रा नाम की महिला पत्रकार का कहना है कि उनके साथ हुई घटना 17 साल पुरानी है. अकबर उनसे अश्लील टिप्पणियां किया करते थे और उनका जीना मुश्किल कर दिया था. वह इतने सालों तक इसलिए चुप रहीं क्योंकि उनके पास सबूत नहीं थे.

कांग्रेस ने की है इस्तीफे की मांग
कांग्रेस ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को यौन उत्पीड़न के आरोपों पर संतोषजनक स्पष्टीकरण देना चाहिए या तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता एस. जयपाल रेड्डी ने कहा कि एमजे अकबर के आचरण की जांच होनी चाहिए. जब उनके साथ काम कर चुकी महिला पत्रकारों ने आरोप लगाया है तो फिर वह मंत्री पद पर कैसे बने रह सकते हैं.