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गगनयान मिशन के तहत तीन वैज्ञानिक जाएंगे अंतरिक्ष,10000 करोड़ रु होगा खर्च, मोदी कैबिनेट का फैसला

मोदी कैबिनेट ने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए तीन लोगों को स्पेस में भेजने के लिए हरी झंडी दे दी है.

Updated on: 28 Dec 2018, 04:49 PM

नई दिल्ली:

मोदी कैबिनेट ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम (Gaganyaan Mission) में को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए तीन लोगों को स्पेस में भेजने के लिए हरी झंडी दे दी है. इस स्पेस कार्यक्रम का नाम गगनयान (Gaganyaan) रखा गया. कैबिनेट कमेटी के फैसले के मुताबिक 3 वैज्ञानिकों को कम से कम 7 दिनों के लिए अंतिरम में भेजा जाएगा जिसकी अनुमानित लागत 10 हजार करोड़ रुपये होगी. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने इसी साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से अपने भाषण में कहा था कि भारत का साल 2022 तक अंतरिक्ष में मानव को भेजने का सपना साकार हो जाएगा जिसके लिए सरकार काम कर रही है. इसी के तहत आज केंद्रीय कैबिनेट के वित्तीय कमेटी ने इसके लिए बजट का ऐलान कर दिया.

अगर गगनयान प्रोजेक्ट सफल हो जाता है तो भारत अंतरिक्ष में मानव को भेजने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन यह कारनामा कर चुके हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक गगनयान (Gaganyaan)  का विकास करने की परिकल्पना 2006 में यूपीए सरकार के शासनकाल में हुई की गई थी. इस अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारतीय वैज्ञानिकों को कम से कम एक सप्ताह के लिए अंतरिक्ष में भेजने के लिए स्पेस क्राफ्ट तैयार करने की योजना बनाई थी. हालांकि उस वक्त इस स्पेस कार्यक्रम की कोई समय सीमा तय नहीं की गई थी लेकिन पीएम मोदी ने इसके लिए 2022 तक का लक्ष्य रखा था. गगनयान के तबह तीन वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में भेजकर उन्हें फिर धरती पर लाने की क्षमता का विकास किया जाएगा.

गगनयान कार्यक्रम में रूस करेगा भारत की मदद

गगनयान इस महत्वाकांक्षी योजना में भारत का सबसे पुराना मित्र रहा रूस हमारी मदद करेगा. बीते दिनों भारत-रूस शिखर वार्ता के लिए नई दिल्ली आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिरमीर पुतिन ने भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान में सहायता करने की इच्छा जताई थी. गगनयान कार्यक्रम के लिए रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो की मदद करेगा. इसके लिए दोनों ही देशों के बीच समझौता हो चुका है.