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#MeToo पीएम मोदी ने अकबर का इस्तीफा किया स्वीकार, कांग्रेस और महिला पत्रकारों ने कही यह बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एम जे अकबर का मंत्री परिषद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

Updated on: 17 Oct 2018, 09:51 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एम जे अकबर का मंत्री परिषद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. स्थापित प्रक्रिया के अनुसार अब यह इस्तीफा राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. इससे पहले अकबर ने विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन पर कई समाचार संगठनों में संपादक पद पर रहने के दौरान यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. 

अकबर ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि उन्होंने निजी तौर पर अदालत से न्याय लेने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, 'मैं पद से इस्तीफा देना उचित समझता हूं और मेरे ऊपर लगाए गए गलत आरोपों को मैं निजी तौर पर अदालत में चुनौती दूंगा. इसलिए मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है.' 

पिछले कुछ दिनों में अकबर पर करीब 20 महिलाओं ने कथित रूप से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. 

अकबर का इस्तीफा 'सच की जीत': कांग्रेस

कांग्रेस ने यौन शोषण के आरोपों से घिरे एमजे अकबर के विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने को 'सच की ताकत की जीत' करार दिया और कहा कि वह उन महिलाओं को सलाम करती है जिन्होंने आवाज उठाई थी. पार्टी प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'अकबर के खिलाफ कई वरिष्ठ महिला पत्रकारों ने गंभीर आरोप लगाए थे जो उनके साथ काम कर चुकी हैं. उनका इस्तीफा सच की ताकत की अभिपुष्टि और जीत है.'

उन्होंने कहा, 'मैं उन महिलाओं को सलाम करती हूं जो सत्ता के अहंकार के सामने डट कर खड़ी रहीं.'

प्रियंका ने आरोप लगाया कि धमकाना और डराना मोदी सरकार में आवाज दबाने का जरिया बन चुका है.

महिला पत्रकारों ने कही यह बात

पूर्व संपादक एमजे अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाली महिला पत्रकारों ने विदेश राज्य मंत्री पद से उनके इस्तीफे के बाद बुधवार को खुशी जाहिर की. अकबर के खिलाफ सबसे पहले आरोप लगाने वाली और मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहीं पत्रकार प्रिया रमानी ने अकबर के इस्तीफे के बाद कहा, 'उनके रुख की पुष्टि हुई.'

रमानी ने ट्वीट किया, 'एक महिला के तौर पर, एमजे अकबर के इस्तीफे से हम सही साबित हुए हैं. मैं उस दिन की ओर देख रही हूं, जब मुझे अदालत से भी न्याय मिलेगा.'

कई महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है और इन आरोपों को समाज में उनकी छवि को धूमिल करने वाला करार दिया है.

पत्रकार सुपर्णा शर्मा ने अकबर पर 'उनकी ब्रा की स्ट्रेप खींचने का आरोप लगाया है.' सुपर्णा ने कहा है कि उनके इस्तीफे से ही लड़ाई समाप्त नहीं हुई है.

शर्मा ने रविवार को अकबर के बयान के संदर्भ में कहा, 'अकबर को बयान देने के बदले भारत पहुंचते ही तत्काल इस्तीफा देना चाहिए था.'

उन्होंने कहा, 'जब उन्होंने बयान जारी किया था, ऐसा लगता था कि यह प्रिया रमानी बनाम सरकार है, अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, इसलिए यह अकबर बनाम प्रिया रमानी है.'

उन्होंने साथ ही कहा कि पूर्व मंत्री को रमानी के खिलाफ मानहानि के मामले को वापस ले लेना चाहिए.

अकबर को 'हिंसक' करार देने वाली पत्रकार सबा नकवी ने कहा, "महाअष्टमी पर देवी दुर्गा ने राक्षस का खात्मा किया, एमजेअकबर गए.."

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आरोप लगाने वाली एक अन्य महिला पत्रकार हरिंदर बावेजा ने आश्चर्य जताया कि क्या अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपन चुप्पी तोड़ेंगे.