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मेघालय खदान पहुंचे नौसेना के गोताखोर, दमकलकर्मी, खदान विशेषज्ञ

370 फुट के कोयला खदान से लाखों गैलन पानी बाहर निकालने से पहले कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के निरीक्षक और खदान तकनीकी विशेषज्ञों ने घटनास्थल का सर्वे शुरू कर दिया है.

Updated on: 29 Dec 2018, 07:06 PM

नई दिल्ली:

मेघालय के जयंतिया हिल्स के अवैध कोयला खदान में पिछले 2 सप्ताह से फंसे 15 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की सहायता के लिए शनिवार को भारतीय नौसेना के 15 गोताखोरों और ओडिशा के दमकलविभाग के 21 कर्मियों का एक दल मेघालय के कसान गांव पहुंचा. जिला प्रशासन ने 24 दिसंबर से कोयला खदान से पानी बाहर निकालना अस्थायी रूप से बंद कर दिया है, क्योंकि लगातार अभियान चालू रहने से 25 हॉर्सपॉवर के दो पंप अप्रभावी हो गए. एनडीआरएफ की एक बचाव टीम ने कोयला खदान के मुख्य शाफ्ट में छानबीन की, फिर भी किसी मजदूर का पता नहीं लग सका.

370 फुट के कोयला खदान से लाखों गैलन पानी बाहर निकालने से पहले कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के निरीक्षक और खदान तकनीकी विशेषज्ञों ने घटनास्थल का सर्वे शुरू कर दिया है.

किर्लोसकर ब्रदर्स लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक ने बताया कि भारत की दिग्गज पंप निर्माता कंपनी पहले ही 10 उच्च क्षमता वाली पंप मशीनें घटनास्थल पर भेज चुकी है.

सीआईएल विभिन्न जगहों से अपने 100 हॉर्सपॉवर के उच्च क्षमता वाले सबमरसिबल पंप को हवाई मार्ग से गुवाहाटी हवाईअड्डे तक पहुंचाने की योजना बना रही है, जिसके बाद पंपों को सड़क मार्ग से पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के कसान गांव पहुंचाया जाएगा. प्रत्येक पंप 500 गैलन प्रति मिनट की दर से पानी निकाल सकता है.

एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट संतोष कुमार सिंह ने बीते 17 दिनों में एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) द्वारा चलाए गए अभी तक के अभियान के बारे में भारतीय नौसेना के गोताखोरों के टीम लीडर व ओडिशा दमकल सेवा के मुख्य दमकल अधिकारी सुकांत सेठी को बता दिया है.

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सिंह ने बताया, 'मैंने उन्हें (भारतीय नौसेना और ओडिशा दमकल सेवाओं) हमारे बचाव अभियान और सोनार प्रणाली सहित विभिन्नों उपकरणों के बारे में बता दिया है, जिन्हें फंसे मजदूरों का पता लगाने के लिए हमने प्रयोग किया, लेकिन अभी तक सकारात्मक नतीजे सामने नहीं आ पाए.'

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुरोध पर ओडिशा दमकलकर्मी 10 उच्च क्षमता वाले पंपों सहित कई हाईटेक उपकरणों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे हैं.

सीआईएल के पूर्वोत्तर कोलफील्ड के महाप्रबंधक जे बोराह ने बताया, 'हमारे पास खदान का नक्शा नहीं है. यह हम सभी के लिए सबसे मुश्किल चुनौती होने जा रहा है.'

बोराह ने कहा, '100 हॉर्सपॉवर के आठ सबमरसिबल पंपों में से छह नागपुर, बिलासपुर, धनबाद और रांची से घटनास्थल की ओर पहुंचने वाले हैं. हम गुवाहाटी हवाईअड्डे से पंप मशीनों को हवाई मार्ग से यहां लाने की योजना बना रहे हैं.'

मेघालय पुलिस ने नरवान गांव से कोयला खदान के मालिक जरिन उर्फ क्रिप चुलेट को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कहा कि अवैध खदान गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान जारी है.

मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह व कोयला मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और खदान में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तुरंत केंद्रीय सहायता की मांग की.