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भारत-पाक ने साझा किए परमाणु प्रतिष्ठानों की जानकारी, रिहा होंगे पाकिस्तान में बंद भारतीय कैदी

भारत और पाकिस्तान ने सोमवार को दिल्ली और इस्लामाबाद के राजनायिक चैनलों के माघ्यम से एक-दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की जानकारी सौंपी।

Updated on: 01 Jan 2018, 05:36 PM

नई दिल्ली:

भारत और पाकिस्तान ने सोमवार को दिल्ली और इस्लामाबाद के राजनायिक चैनलों के माघ्यम से एक-दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की जानकारी सौंपी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह बताया।

इसके साथ ही सरकार ने आम कैदियों, भारतीय सैनिकों और मछुआरों को उनके बोट समेत जल्द रिहा किये जाने की भी मांग की है। भारत ने कहा है कि इसके साथ ही कुलभूषण जाधव और हामिद नेहाल अंसारी की राजनयिक मदद भी अभी तक नहीं मिली है और इसका भी अभी इंतज़ार किया जा रहा है।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह जानकारी वर्ष 1988 में किए गए परमाणु प्रतिष्ठानों की जानकारी साझा करने वाले समझौतों के आघार पर दी गई है।

इसके तहत दोनों देश साल के पहले दिन परमाणु प्रतिष्ठानों की जानकारी साझा करते हैं। इसके साथ ही उनकी जेलों में बंद एक-दूसरे के नागरिकों की सूची भी देते हैं।

इस जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की जेल में भारत के 475 नागरिक बंद हैं। इसमें 399 मछुआरे हैं जबकि बाकियों को विभिन्न अपराधों के तहत वहां बंधक बनाया गया है।

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पाकिस्तान की जेल में बंद 399 मछुआरों में से 146 मछुआरों को 8 जनवरी, 2018 को रिहा कर दिया जाएगा।

आपको बता दें कि आज भारत भी यहां की जेल में बंद पाकिस्तानी नागरिकों की सूची जारी करेगा।

कैदियों से जुड़ी जानकारी साझा करने संबंधी समझौते पर 21 मई, 2008 को हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत हर साल दो बार पहली जनवरी और पहली जुलाई को कैदियों की सूची साझा की जाती है।

वहीं परमाणु प्रतिष्ठानों को हमले से बचाने संबंधी समझौते पर 31 दिसम्बर, 1988 को हस्ताक्षर किए थे और यह 27 जनवरी, 1991 से लागू हुआ था।

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