logo-image

#MeToo मानहानि केस: एमजे अकबर की वकील ने कहा, '40 सालों में बनाई छवि खराब हुई'

केंद्रीय मंत्री ने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया, जिसकी सुनवाई कोर्ट में शुरू हो चुकी है.

Updated on: 18 Oct 2018, 03:04 PM

नई दिल्ली:

मी टू अभियान के तहत पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया. केंद्रीय मंत्री ने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया, जिसकी सुनवाई दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट में शुरू हो चुकी है. वरिष्ठ वकील गीता लूथरा केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर का पक्ष रख रही हैं. अकबर की वकील गीता लूथरा ने कहा, 'प्रिया रमानी ने अकबर के खिलाफ बदनाम करने वाले ट्वीट किये. रमानी के दूसरे अपमानजनक ट्वीट को 1200 लोगों ने लाइक किया'

वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा, 'एमजे अकबर का इस्तीफा बताता है कि किस तरह से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया गया है. रमानी के ट्वीट्स को हजारों की संख्या में लाइक मिले है.' वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा कि इन ट्वीट्स से अकबर की 40 सालों की छवि खराब हुई है.

31 अक्टूबर को कोर्ट में एमजे अकबर का बयान दर्ज होगा. कोर्ट एमजे अकबर और अन्य गवाहों के बयान की जांच करेगी.  अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं. 

अकबर के खिलाफ आरोपों का सिलसिला महिला पत्रकार प्रिया रमानी के ट्वीट के बाद शुरू हुआ जिसमें उन्होंने वर्क प्लेस पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे. इसके खिलाफ अकबर ने कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है, जिसको लेकर आज (गुरुवार) पटियाला कोर्ट में सुनवाई हो रही है. अकबर ने इन आरोपों को 'फर्जी और आधारहीन' करार दिया है. अकबर ने अदालत में दी अपनी अर्जी में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उनके खिलाफ प्रेरित तरीके से और एक एजेंडे को पूरा करने के लिए फर्जी आरोप गढ़े गए .

गौरतलब है कि गुरुवार को 19 महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि सुनवाई के दौरान उत्पीड़न मामले में उनकी गवाही को भी सुना जाए.
बयान में कहा गया है कि यौन शोषण पर एमजे अकबर झूठ बोलना बंद करें. इस लड़ाई में प्रिया रमानी अकेली नहीं है. इस मामले पर उनकी गवाही को भी सुनाया जाए.

अकबर के खिलाफ प्रिया रमानी के साथ जो अन्य 19 महिला पत्रकार सामने आईं हैं, उनमें शामिल हैं- मीनल बघेल, मनीषा पांडे, तुशिता पटेल, कनिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार, होईन्हू हौजे, आयशा खान, कौशलरानी गुलाब, कनिजा गजारी, मालविका बनर्जी, एटी जयंती, हमीदा पारकर, जोनाली बुरगोहैन, सुजाता दत्त सचदेवा, रश्मि चक्रवर्ती, किरण मनाल, संजरी चटर्जी, क्रिश्चियन फ्रांसिस.

वहीं गुरुवार को अतिरिक्त चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल इस मामले पर सुनवाई करेंगे.