एमसीडी चुनाव परिणाम तय करेगा राजनीति में अरविंद केजरीवाल की सियासी तकदीर
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के नतीजे न केवल अरविंद केजरीवाल के दो साल के काम-काज पर जनता की मुहर होगी।
highlights
- बुधवार को आएंगे एमसीडी चुनाव परिणाम, बीजेपी, कांग्रेस, AAP के बीच है मुकाबला
- 10 साल से एमसीडी में है बीजेपी, एग्जिट पोल में बीजेपी की की जीत
- एमसीडी चुनाव परिणाम से तय होगा अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक भविष्य
नई दिल्ली:
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के नतीजे न केवल अरविंद केजरीवाल के दो साल के काम-काज पर जनता की मुहर होगी। बल्कि यह उनके सियासी डगर का रास्ता भी तय करेगी।
भले ही यह चुनाव आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच हुआ हो, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह चुनाव मुख्य रूप से केजरीवाल बनाम मोदी ही था।
10 सालों से निगम पर काबिज बीजेपी एग्जिट पोल में एंटी इंक्मबैंसी (सत्ता विरोधी रूझान) को पीछे छोड़ मोदी लहर पर सवार दिख रही है। वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की हालत करीब एक जैसी है।
यानी एग्जिट पोल में 20 से 25 सीटों पर सिमट सकती है। ऐसे में एमसीडी की 270 सीटों में से बीजेपी को उम्मीद है कि वह 220 सीटों के करीब जीतेगी।
अगर नतीजे एग्जिट पोल के अनुसार ही आये तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) के लिए तीसरा बड़ा झटका होगा। जो केजरीवाल के राष्ट्रीय राजनीति में भविष्य पर ग्रहण लगा सकता है।
हाल ही में पंजाब, गोवा और फिर दिल्ली के राजौरी गार्डन सीट आम आदमी पार्टी को हार मिली है। पंजाब और गोवा में पहली बार आम आदमी पार्टी हाथ आजमा रही थी। पंजाब में वह विपक्ष की भूमिका में है वहीं गोवा में वह शून्य पर सिमट गई। आप ज्यादातर सीटों पर जमानत भी नहीं बचा सकी।
दिल्ली के राजौरी गार्डन सीट पर भी आम आदमी पार्टी (आप) की जमानत जब्त हो गई। सिख बहुल इस सीट पर आम आदमी पार्टी 2015 विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी। लेकिन जरनैल सिंह के पंजाब जाने के बाद आम आदमी पार्टी के खिलाफ जो माहौल बना उसे संभालने में पार्टी नाकाम रही।
बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने राजौरी गार्डन सीट पर बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। एमसीडी चुनाव से ठीक पहले राजौरी गार्डन सीट पर आये परिणाम ने बीजेपी के लिए संजीवनी से कम नहीं थी। यहां भी बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दिया।
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एमसीडी चुनाव प्रचार में भी बीजेपी ने प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान, स्वच्छता अभियान, देशद्रोह, देशहित को प्रचारित किया।
यानी बीजेपी ने 10 साल के कामकाज को पीछे छोड़ नयी ऊर्जा के साथ काम करने की बात की। जिसका फायदा एग्जिट पोल में दिख रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने एक भी पुराने पार्षद को टिकट नहीं दिया है।
कांग्रेस अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है फिर भी कई एग्जिट पोल में उसे आम आदमी पार्टी से अधिक सीट मिलता दिखाया गया है। कांग्रेस राजौरी गार्डन उप-चुनाव में भी दूसरे स्थान पर रही थी। दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है।
वहीं आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर ही चुनाव लड़ी है। अगर एमसीडी चुनाव में हार मिलती है तो यह उनके लिए बड़ा सियासी झटका होगा।
हालांकि अरविंद केजरीवाल ने इशारा कर दिया है कि वह एक बार फिर आंदोलन के मोड में आ सकते हैं।
सोमवार को उन्होंने कहा, 'जीत या हार लगी रहेगी। अगर बुधवार के नतीजे पंजाब, धौलपुर, भिंड जैसी बेईमानी साबित करते हैं तो हम आंदोलन करेंगे। हम आंदोलन से आये थे, सत्ता का सुख भोगने नहीं, वापस आंदोलन करना पड़ेगा।'
आम आदमी पार्टी की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ गुजरात पर है। जहां इस साल के अंत में चुनाव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी प्रचार शुरू कर चुकी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटी है।
इस बीच बुधवार को दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे ही केजरीवाल की अगली राजनीतिक दशा और दशा तय करेंगे।
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