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समाजवादी पार्टी के साथ खत्‍म नहीं होंगे रिश्‍ते, उपचुनाव में अकेले लड़ेगी BSP: मायावती

समाजवादी पार्टी के साथ खत्‍म नहीं होंगे रिश्‍ते, महागठबंधन कायम रहेगा: मायावती

Updated on: 04 Jun 2019, 12:19 PM

नई दिल्‍ली:

बसपा प्रमुख मायावती ने घोषणा की है कि समाजवादी पार्टी से रिश्‍ते खत्‍म नहीं होंगे. एएनआई से विशेष बातचीत में मायावती ने कहा, यादव समाज ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से विश्‍वासघात किया, जिसके चलते लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को कम सीटें मिलीं, जिससे महागठबंधन के मजबूत उम्‍मीदवार भी हार गए. हालांकि उन्‍होंने कहा कि समाजवादी पार्टी से बसपा का रिश्‍ता कायम रहेगा. उन्‍होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव और डिंपल यादव मेरी बहुत इज्‍जत करते हैं.

सपा-बसपा गठबंधन पर बसपा प्रमुख मायावती

यह कोई स्थाई विराम नहीं है. यदि हम भविष्य में महसूस करते हैं कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्य में सफल होते हैं, तो हम फिर से एक साथ काम करेंगे लेकिन अगर वह सफल नहीं होता है, तो हमारे लिए अलग से काम करना अच्छा रहेगा. इसलिए हमने अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है.

हमारा संबंध केवल राजनीतिक नहीं 

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, जब से सपा-बसपा गठबंधन हुआ, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने बहुत सम्मान दिया है. राष्ट्र के हित में हमारे सभी मतभेदों को भी भुला दिया और उन्हें सम्मान दिया. हमारा संबंध केवल राजनीति के लिए नहीं है, यह हमेशा के लिए जारी रहेगा.

एक दिन पहले बैठक में मायावती ने की थी अखिलेश की तारीफ 

दिल्‍ली में एक दिन पहले हुई बहुजन समाज पार्टी नेताओं की बैठक में मायावती ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की काफी तारीफ की. पार्टी सूत्रों का कहना है कि मायावती ने बैठक में अखिलेश यादव की 6 बार तारीफ की. मायावती ने कहा, अखिलेश यादव ने बहुत शानदार ढंग से चुनाव लड़ा. साथ ही कन्नौज से डिंपल यादव (Dimple Yadav) के हारने पर मायावती ने अफसोस भी जताया.

इसके साथ ही मायावती ने शिवपाल यादव (ShivPal Singh Yadav) और कांग्रेस (Congress) पर जमकर निशाना साधा. मायावती ने कहा, शिवपाल यादव और कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया.

आम तौर पर बसपा उपचुनाव नहीं लड़ती है, लेकिन इस बार मायावती ने उपचुनाव में उतरने का फैसला किया है. यह उपचुनाव विधायकों के सांसद चुन लिए जाने के चलते होगा. बीजेपी के नौ विधायकों ने लोकसभा चुनाव जीता है, जबकि बसपा और सपा के एक-एक विधायक लोकसभा के लिए चुने गए हैं.