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चंडीगढ़-शिमला हाइवे पर पहाड़ खिसका, गाड़ियों के दबे होने की खबर, राहत कार्य जारी

हिमाचल प्रदेश में चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाइवे पर ढल्ली टनल के पास लैंड स्लाइड होने से 2 से 3 गाड़ियों के मलबे में दबे होने की खबर है।

Updated on: 02 Sep 2017, 08:40 PM

नई दिल्ली:

हिमाचल प्रदेश में चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाइवे पर ढल्ली टनल के पास लैंड स्लाइड होने से 2 से 3 गाड़ियों के मलबे में दबे होने की खबर है। इसके अलावा एक गाड़ी नदी में बह गई है। 

शनिवार देर शाम को पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक खिसककर हाईवे पर गिर गया। हालांकि अभी तक इसमें किसी मौत की खबर नहीं आई है।

इस घटना के बाद राज्य की पुलिस राहत और बचाव कार्य में लग गई है। पुलिस को आशंका है कि इस हादसे में दबी गाड़ियों की संख्या बढ़ सकती है।

हादसे के कारण यहां पर कई घंटों तक गाड़ियां रुकी रहीं। साथ ही यहां स्थित मंदिर का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया।

पहाड़ खिसकने से शिमला में सामान की आपूर्ति रुक गई है और हाइवे पर सेब से लदे कई वाहन बीच में फंसे हुए हैं।

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शिमला पुलिस के सिटी डीएसपी का कहना है कि हादसे के कारण जो लोग अपने घरों में फंसे थे, उनको निकाल लिया गया है। साथ ही फंसी गांडियों को भी निकाला जा रहा है।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'भट्टाकुफर के नजदीक मंदिर के पीछे पहाड़ी का एक हिस्सा धंसने से पत्थर गिरने लगे और राजमार्ग के किनारे खड़े छह वाहन इसकी जद में आ गए।'

इस इलाके में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश का दौर जारी है। 

यह राजमार्ग प्रदेश के कई पर्यटन केंद्रों को जोड़ता है। इसमें कुफरी, नालधेरा, सेब क्षेत्र जुब्बल, नरकंडा, खड़ापाथर और समूचा किन्नौर जिला शामिल है।

मंडी जिले में 13 अगस्त को मिट्टी धंसने से 150 मीटर सड़क और तीन घर मलबे में तब्दील हो गए थे और दो बसें एवं मोटरसाइकिल भी नष्ट हो गए थे। इस हादसे में 46 लोगों की मौत हो गई थी।

राज्य में भारी बारिश की वजह से कई संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं, जिसमें शिमला की भीतरी सड़कें, सिरमौर, मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जिले शामिल हैं। इससे यातायात पर बुरी तरह असर पड़ा है।

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सतलुज, ब्यास और यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि से इसकी सहायक नदियों में पानी भर गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति बन गई है।

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