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मानेसर हिंसा मामला: मारुति प्लांट में हिंसा और आगजनी मामले में 31 दोषी करार, 117 आरोपों से बरी

इस फैसले से पहले प्लांट के पास सहित जिला अदालत के आसपास सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई थी। 18 जुलाई, 2012 को हुई इस घटना में तब कंपनी का तात्कालीन महाप्रबंधक (एचआर) अवनीश कुमार देव की जलने से मौत हो गई थी।

Updated on: 10 Mar 2017, 01:33 PM

highlights

  • मारुति सुजूकी के मानेसर प्लांट में 2012 में भड़की थी हिंसा
  • इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोग हुए थे घायल, कंपनी के एचआर विभाग के महाप्रबंधको अपनी जान गंंवानी पड़ी थी
  • फैसले से पहले प्लांट के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, जिला कोर्ट में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे

नई दिल्ली:

हरियाणा की एक जिला अदालत ने शुक्रवार को 2012 में मानेसर के मारुति सुजूकी प्लांट में हुई भीषण तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में 31 लोगों को दोषी ठहराया है, जबकि 117 लोगों को आरोपों से मुक्त कर दिया है।

18 जुलाई, 2012 को हुई इस घटना में तब कंपनी का तात्कालीन महाप्रबंधक (एचआर) अवनीश कुमार देव की जलने से मौत हो गई थी। वहीं, कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद करीब 100 प्रबंधकों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। घटना के बाद पुलिस ने 147 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। साथ ही कंपनी ने कार्रवाई करते हुए 525 श्रमिकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। 

इस फैसले से पहले प्लांट के पास सहित जिला अदालत के आसपास सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई थी। वहीं, मारुति के चार प्लांट में कार्यरत 25,000 कामगारों ने गिरफ्तार मजदूरों के लिए समर्थन जताते हुए लंच का बहिष्कार किया था।

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क्या थी घटना?

साल 2012 में 18 जुलाई को मारुति सुजूकी मानेसर संयंत्र में तब हिंसा भड़क उठी थी जब मारुति उद्योग के एक निलंबित कामगार ने एक निरीक्षक को तमाचा जड़ दिया था। कामगार कथित रूप से आपे से बाहर हो गए थे और भवन के एक हिस्से में आग लगा दी थी।

हिंसा के बाद मारुति सुजुकी का प्लांट एक माह तक बंद रहा, जिसके चलते करीब तीन हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष रूप से नुकसान हुआ था। वहीं, यूनियन के नेताओं सहित 147 कामगारों को जेल जाना पड़ा था।

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