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आरक्षण की मांग पर मराठा समुदाय का महाराष्ट्र बंद, पुणे में इंटरनेट सेवा ठप

महाराष्ट्र में राजनीतिक रूप से प्रभुत्व मराठा समुदाय की राज्य में 30 फीसदी आबादी है जो सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 16 फीसदी आरक्षण देने की मांग लंबे समय से कर रही है।

Updated on: 09 Aug 2018, 01:51 PM

मुंबई:

महाराष्ट्र में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर आज एक बार फिर मराठा समुदाय के विभिन्न संगठनों ने राज्यव्यापी बंद बुलाया है। बंद को देखते हुए राज्य भर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पिछले महीने मराठा समूहों के बंद में राज्य में कई जगहों पर व्यापक हिंसा और आगजनी हुई थी। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य में अब तक 7 लोगों ने आत्महत्या कर ली है।

पुलिस अधिकारी ने कहा, सरकार ने रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की 6 कंपनियों को तैनात किया है वहीं संवेदनशील इलाकों में सीआईएसएफ और एसआरपीएफ की एक-एक टीम को उतारा है। मराठा क्रांति मोर्चा और अन्य मराठा संगठनों ने यह बंद बुलाया है।

अधिकारी के मुताबिक कई जगहों पर होम गार्ड जवानों को भी तैनात किया गया है। बता दें कि पिछले महीने हुए प्रदर्शन में मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र, ठाणे और नवी मुंबई में सबसे ज्यादा हिंसा की घटनाएं हुई थी।

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# मुंबई में मराठा आरक्षण के प्रदर्शनकारियों ने आंख और मुंह पर काली पट्टी बांध कर जताया विरोध

मुंबई के बांद्रा में कलेक्टर ऑफिस के बाहर मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए

राज्यव्यापी बंद को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें पुणे में नहीं खुल रही हैं। यात्री परेशान।

महाराष्ट्र बंद को देखते हुए पुणे जिले के 7 तहसीलों शिरूर, खेड़, बारामती, जुन्नार, मावल, दौंड, और भोर में इंटरनेट सेवा बंद।

हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि राज्य में आरक्षण देने के लिए सभी संवैधानिक जरूरतों को इस साल नवंबर तक पूरा किया जाएगा। फडणवीस ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की थी।

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देवेंद्र फडणवीस मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए तैयार है हालांकि कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरक्षण मुद्दे पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था।

कांग्रेस नेता अशोक चव्हान ने कहा था, 'हमारे लिए राजनीतिक लाभ लेने का कोई कारण ही नहीं है। कब तक आप (बीजेपी) चर्चा के नाम पर लोगों को धोखा देते रहेंगे? बीजेपी और शिवसेना लोगों को अपने पक्ष में वोट करने और उसके बाद मदद करने की बात कह कर राजनीतिक लाभ ले रही है।'

राज्य में मराठा समुदाय की बड़ी आबादी

महाराष्ट्र में राजनीतिक रूप से प्रभुत्व मराठा समुदाय की राज्य में 30 फीसदी आबादी है जो सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 16 फीसदी आरक्षण देने की मांग लंबे समय से कर रही है।

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पिछले महीने 25 जुलाई को राज्य के कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार ने मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए कानून बनाया था लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी।

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर 24 और 25 जुलाई को दो दिनों का विरोध प्रदर्शन किया था। मराठा आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र के तीन विधायकों ने इस्तीफा भी दे दिया था।