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अब हज यात्रा में मुस्लिम महिलाओं से नहीं होगा भेदभाव, हमने खत्म की मेहरम प्रथा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने नई हज यात्रा नीति के बारे में बताया जिसके तहत मुस्लिम महिलाएं बिना किसी मेहरम (पति, पिता या भाई) के भी स्वतंत्र रूप से हज यात्रा कर सकेंगी।

Updated on: 31 Dec 2017, 01:35 PM

नई दिल्ली:

'मन की बात' कार्यक्रम के 39वें संस्करण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को लेकर बड़ा ऐलान किया है।

पीएम मोदी ने सरकार की नई हज यात्रा नीति के बारे में बताते हुए कहा कि अब किसी मुस्लिम महिला को बिना किसी मेहरम (पति, पिता या भाई) के स्वतंत्र रूप से हज यात्रा की इजाजत होगी।

मोदी सरकार की नई हज नीति के अनुसार 45 साल की उम्र पार चुकी 4 या उससे अधिक मुस्लिम महिलाएं एक साथ हज यात्रा पर जा सकती हैं। इससे पहले कोई भी मुस्लिम महिला मेहरम (पति, पिता या भाई) अर्थात अपने खून के रिश्ते वाले रिश्तेदार के बिना हज पर नहीं जा सकती थी।

पीएम ने कहा,'हाल में ही मुझे पता चला था कि अगर मुस्लिम महिला हज यात्रा पर जाना चाहती है तो वह किसी मर्द सदस्य के बिना नहीं जा सकती। मैं हैरान था कि यह कैसा भेदभाव है। लेकिन अब वो अकेली हज यात्रा पर जा सकती हैं।'

आपको बता दें कि सऊदी अरब भी 45 और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को हज के लिए प्रवेश की अनुमति देता है।

नई हज नीति के अनुसार यात्रियों को देश में बेहतर सुविधाएं दिए जाने पर जोर दिया गया है। इसके लिए हज रवानगी स्थलों की संख्या 21 से घटाकर नौ कर दी गई जिनमें दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरू और कोच्चि शामिल हैं।

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इससे पहले पीएम ने शिवगिरी मठ के 85वें तीर्थयात्रा समारोह में कहा कि मुस्लिम महिलाओं को लंबे समय बाद ट्रिपल तलाक़ ( तलाक़-ए-बिद्दत) के अभिशाप से आजादी मिली है।

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक़ को अवैध करार दिए जाने के बाद संसद में बिल पेश कर दिया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है। अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाना है।

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