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यौन उत्पीड़न मामला : मेनका गांधी ने ओडिशा के सभी शेल्टर होम के जांच के आदेश दिए, राज्य सरकार को बताया विफल

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने यौन उत्पीड़न के शिकायत सामने आने के बाद ओडिशा के सभी शेल्टर होम के जांच के आदेश दिए हैं.

Updated on: 09 Dec 2018, 12:20 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने यौन उत्पीड़न के शिकायत सामने आने के बाद ओडिशा के सभी शेल्टर होम के जांच के आदेश दिए हैं. बता दें कि कुछ दिनों पहले ओडिशा के ढेंकनाल जिले के एक शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी.

मेनका गांधी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लिखे एक पत्र में कहा, 'मैं मानती हूं कि इस घटना के लिए संबंधित अधिकारियों को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी. मैंने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव से इस पर जांच बैठाने को कहा है.' उन्होंने पत्र में लिखा, 'मैंने राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा समिति (NCPCR) से ओडिशा के सभी शेल्टर होम की शीघ्रतम जांच के आदेश भी दिए हैं.'

ढेंकनाल के बेलटिकरी गांव में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को पिछले सप्ताह सील किया गया था और यौन उत्पीड़न के आरोपों में एनजीओ प्रभारी सीमांचल नायक समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. वहां रह रही लड़कियों ने नायक पर नाबालिग लड़कियों के साथ लगातार यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था.

इस शेल्टर होम का लाइसेंस अक्टूबर में ही समाप्त हो चुका था. इस पर मेनका गांधी ने लिखा, 'यह बेहद दुख की बात है कि जिला प्रशासन को इसके बारे में जानकारी नहीं कि यह कैसे कार्य करता है जबकि यह जिला मुख्यालय से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर है.'

केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम में 'धर्म परिवर्तन' के भी मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से ये शेल्टर होम बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं. मेनका गांधी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा देने में विफल रही है.

इससे पहले शनिवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी. गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में प्रधान ने अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. प्रधान के मुताबिक, राज्य सरकार नाबालिग न्याय अधिनियम के जबरदस्त उल्लंघन के इस मामले में मूक दर्शक बनी हुई है.

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मंत्री ने आरोप लगाया कि एनजीओ 'गुड न्यूज इंडिया' ढेंकनाल के बेल्टीकीरी में अवैध शेल्टर होम चलाती है, जो जबरदस्ती धर्म परिवर्तन और मानव व्यापार में भी शामिल है. प्रधान ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष पार्वती परिदा की याचिका पर सिंह से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी.

अपनी याचिका में, परिदा ने आरोप लगाया है कि एनजीओ को बड़ी मात्रा में विदेशी वित्तपोषण प्राप्त हो रहा है, जो ओडिशा में 26 शेल्टर होम्स चलाती है, जिसमें से 15 अवैध हैं.

NCPCR की भयावह रिपोर्ट

अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट में NCPCR ने सोशल ऑडिट रिपोर्ट पेश की थी. एनसीपीसीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय तक जांच दलों की ओर से कुल 2,874 बाल आश्रय गृहों का सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें से केवल 54 ही नियमों के पालन करने के मानक पर खरे उतर पाए.

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छह जांच समितियों ने पाया कि ज्यादातर बाल पोषण गृह जरूरी मानकों और नियमों को अनदेखा कर रहे हैं और बहुत कम बाल गृह ही नियमों के मुताबिक चल रहे हैं.

एनसीपीसीआर ने एडवोकेट अनिंदिता पुजारी को सौंपी रिपोर्ट में कहा, 'शुरुआती जांच में और हल्के विश्लेषण में ही यह बात सामने आई है कि बहुत कम बाल गृह हैं जो नियमों का पालन कर रहे हैं. इनमें से बहुत कम ही कागज पर डेटा तैयार कर रहे हैं और किशोर न्याय (बाल पोषण व सुरक्षा) अधिनियम, 2015 के मानकों पर खरे उतरे हैं.'

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