ममता बनर्जी ने कहा 'मैं प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार नहीं, लेकिन बीजेपी को सत्ता से हटाना सबसे बड़ा मकसद'
ममता बनर्जी आगामी लोकसभा चुनाव और एनसीआर (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर आज (1 अगस्त) को विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ-साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी से भी मुलाकात की
नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों एक्शन में हैं। आगामी लोकसभा चुनाव और एनसीआर (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर आज (1 अगस्त) को विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ-साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी से भी मुलाकात की।
ममता बनर्जी 10 जनपथ पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की। इससे पहले संसद भवन परिसर में बनर्जी ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद, समाजवादी पार्टी नेता राम गोपाल यादव, अन्नाद्रमुक नेता एम. थंबीदुरई, केरल कांग्रेस- मणि नेता जोस के. मणि, बीजेपी के निलंबित सांसद कीर्ति आजाद, सपा नेता जया बच्चन समेत कई दलों के नेताओं से मुलाकात की।
तमाम नेताओं से मिलने के बाद ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने के बारे में की जा रही चर्चा को खारिज करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता केंद्र में बीजेपी सरकार को हटाना है और इसके लिए विपक्ष को एक साथ आना चाहिए।
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ममता बनर्जी जेडीएस अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से कर्नाटक भवन में जाकर मुलाकात की और आगामी लोकसभा चुनाव पर बातचीत की।
इससे पहले तृणमूल सुप्रीमो ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उनका पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ममता बनर्जी ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है।
ममता बनर्जी ने शिव सेना सांसद संजय राउत से भी आज यानी बुधवार संसद भवन परिसर में मुलाकात की।
प. बंगाल की मुख्यमंत्री सपा सांसद जया बच्चन से भी मिलकर कुछ समय तक बातचीत की।
एनसीआर के मुद्दे पर ममता बनर्जी ने कहा,' मैं यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा से अपील की है कि वो असम टीम भेजकर एनसीआर को लेकर वास्तविकता की जांच कराए।
बीजेपी पर वार करती हुई ममता ने कहा, ' जब पड़ोसी राज्य असम दुखी है तो बंगाल के लोग क्यों आवाज़ नहीं उठा सकते हैं ? जिसने बीजेपी को वोट दिया, वे लिस्ट में हैं और जिसने नहीं दिया तो बाहर कर दिया! क्या बांग्लादेशियों के नाम इस तरह लोगों को बांटा जा सकता है? विभाजन से पहले बांग्लादेशी भी भारत के नागरिक थे, उनकी भाषा और संस्कृति हमारे जैसी ही है। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की वास्तविकता की जांच करने के लिए एक टीम असम भेजी जाए।'
ममता ने कहा कि मेरी चिंता 40 लाख लोगों के लिए हैं जिनका नाम एनसीआर लिस्ट में नहीं है। बीजेपी चिंता में है कि वो 2019 में नहीं आनेवाली है। इसके साथ ही उन्होंने सिविल वॉर जैसे किसी भी स्टेटमेंट देने से इंकार किया।
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