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कर्नाटक में सिद्धारमैया कांग्रेस सरकार ने अपने सभी वादे पूरे किए, फिर से करेगी वापसी: खड़गे

कर्नाटक से कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके राज्य में कांग्रेस वापसी करने जा रही है।

Updated on: 31 Mar 2018, 10:07 PM

नई दिल्ली:

कर्नाटक से कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके राज्य में कांग्रेस वापसी करने जा रही है। राज्य की सिद्धारमैया कांग्रेस सरकार ने अपने सभी वादे पूरे किए हैं, इसलिए उसे भरोसा है कि विधानसभा चुनाव में उसे अच्छा बहुमत मिलेगा।

इंडिया टुडे समूह की ओर से आयोजित कार्यक्रम 'कर्नाटक पंचायत' में वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के सवाल 'क्या चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर काम करेगा', का जवाब देते हुए खड़गे ने कहा यह सवाल महज कांग्रेस को बांटने की कोशिश है।

वहीं राज्य में चुनावी पोस्टरों में राहुल गांधी की जगह सिद्धा रम्मैया को ज्यादा तरजीह दिए जाने पर सफाई देते हुए खड़गे ने कहा कि राज्य में कांग्रेस के कार्यक्रमों पर सरकार चलती है। राज्य के मुख्यमंत्री केंद्रीय नेतृत्व के कार्यक्रमों पर भी कांग्रेस के वादों को पूरा कर रही है।

इस सवाल पर कि क्या कर्नाटक में कांग्रेस के लिए 'करो या मरो' की स्थिति पैदा हो गई है? खड़गे ने कहा कि कांग्रेस को कमजोर करने के लिए केंद्र में बैठी भाजपा सरकार हर तरह के हथकंडे अपना रही है।

ईडी, सीबीआई समेत सभी सरकारी संस्थाओं का इस्तेमाल कांग्रेस को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। कुछ लोग इससे डरकर भाजपा का साथ पकड़ ले रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस इन हथकंडों से डरने वाली नहीं है, वह राज्य में वापसी करके दिखाएगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या कर्नाटक में भाजपा का संगठन आपसे ज्यादा मजबूत हो चुका है? खड़गे ने कहा कि भाजपा के लिए आरएसएस के कार्यकर्ता काम कर रहे हैं।

आरएसएस के लोग घर-घर जा रहे हैं और लोगों के बीच झूठा प्रचार कर रहे हैं, फिर भी कांग्रेस को नुकसान नहीं होगा, क्योंकि कांग्रेस के कार्यकर्ता भी घर-घर जा रहे हैं और सीधे अंतिम वोटर से बात कर आरएसएस के सभी प्रयासों को खोखला साबित कर रहे हैं।

लिंगायत हिंदू या अल्पसंख्यक? इस सवाल पर कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा, 'भाजपा के पास लिंगायत मुद्दे पर कोई नरेटिव नहीं है, यह कोई नई बात नहीं है कि लिंगायत को हिंदू धर्म से अलग देखा जाए। जैसे बुद्ध और महावीर को अगल से मान्यता है और किसी धर्म के साथ नहीं बांधा गया है, उसी तरह लिंगायत को अल्पसंख्यक दर्जा देना उचित है। इसे सिर्फ इसलिए नहीं रोका जा सकता कि भाजपा इस मुद्दे पर अलग रुख रखती है।'

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