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जमीयत उलमा-ए-हिंद ने की मांग, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए बने कानून

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने बुधवार को कहा कि सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने वाला कानून लागू करना चाहिए।

Updated on: 10 May 2017, 09:45 PM

नई दिल्ली:

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने बुधवार को कहा कि सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने वाला कानून लागू करना चाहिए, ताकि गौरक्षकों से मासूम लोगों को बचाया जा सके।

उन्होंने कहा, 'गौरक्षक विश्वास का लाभ उठा रहे हैं। वे लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं, मार रहे हैं, उनसे लूटपाट कर रहे हैं और यहां तक कि धर्म के नाम पर हत्याएं कर रहे हैं।'

मदनी ने कहा, 'अगर लोग कानून को अपने हाथ में ले लेंगे, तो फिर कैसे देश में शांति रहेगी? शांति देश के विकास के आधारभूत तत्व है। गौरक्षकों ने डर का वातावरण बना दिया है।'

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने वाले कानून की मांग करते हुए मदनी ने कहा, 'हम सरकार के साथ हैं। उन्हें गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने वाला कानून बनाना चाहिए। हम इसका समर्थन करते हैं। इसी प्रकार से लोगों के जीवन को बचाया जा सकेगा।'

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उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया है, उसी प्रकार से राष्ट्रीय पशु भी घोषित किया जाना चाहिए। ऐसा कर ही मासूम लोगों की जान बचाई जा सकेगी और डर का वातावरण भी समाप्त होगा।

कानून को हाथ में लेने और मासूम लोगों पर हमला करने के लिए मदानी ने गौरक्षकों की निंदा की।

मदनी ने कहा, 'गौ रक्षकों को कानून हाथ में लेने की स्वतंत्रता देना एक गलत मिसाल पेश करता है। अगर सरकार इस मामले पर शांत रही, तो ये सभी को गलत संदेश प्रस्तुत करेगी।'

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