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महाराष्ट्र : 750 किलो प्याज के लिए किसान को मिले 1,064 रुपये, पीएम मोदी को भेज दिया सारी कमाई

महाराष्ट्र में प्याज उगाने वाले एक किसान को अपने माल को 1 रुपये प्रति किलो बेचना पड़ा. प्याज को बेचने के बाद मिले पैसे को विरोध स्वरूप प्रधानमंत्री को भेज दिया.

Updated on: 03 Dec 2018, 11:12 PM

मुंबई:

किसानों के व्यापक विरोध प्रदर्शन और सरकार के दावों के बीच उनकी फसल को डेढ़ गुना दाम तो दूर, उन्हें लागत का दो कौड़ी लाभ भी नहीं मिल रहा है. महाराष्ट्र में प्याज उगाने वाले एक किसान को अपने माल को 1 रुपये प्रति किलो बेचना पड़ा. प्याज को बेचने के बाद मिले पैसे को विरोध स्वरूप प्रधानमंत्री को भेज दिया. किसान को अपने 750 किलो प्याज के लिए मात्र 1,064 रुपये मिले थे.

महाराष्ट्र के नासिक जिले के निफाड तहसील के निवासी संजय साठे उन 'प्रगतिशील किसानों' में शामिल हैं जिन्हें केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 2010 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे पर संवाद के लिए चुना था.

समाचार एजेंसी पीटीआई को संजय साठे ने बताया कि, 'मैंने इस सीजन में 750 किलो प्याज उपजाए थे लेकिन निफाड थोक बाजार में इसके लिए उन्हें 1 रुपये प्रति किलो की दर पर बिक्री के लिए कहा गया.'

उन्होंने कहा, 'मैंने समझौता करके अंतत: 1.40 रुपये प्रति किलो का सौदा कर पाया और 750 किलो प्याज बेचकर मुझे 1,064 रुपये प्राप्त हुए. चार महीने की मेहनत पर इतना मामूली कीमत मिलना काफी दुखद था. इसलिए इस 1,064 रुपये को विरोध स्वरूप मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय को आपदा राहत फंड के लिए भेज दिया.'

उन्होंने कहा कि इन रुपये को भेजने के लिए मुझे अलग से 54 रुपये मनीऑर्डर पर खर्च करने पड़े. साठे ने कहा, 'मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं. लेकिन अपनी दिक्कतों के प्रति सरकार की उदासीनता को लेकर मैं नाराज हूं.'

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मनीऑर्डर को निफाड पोस्ट ऑफिस से 29 नवंबर को भेजा गया था. इसे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर भेजा गया. बता दें कि उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले में पूरे भारत का 50 फीसदी प्याज उत्पादन होता है.

जब उनसे 8 साल पहले ओबामा के साथ मीटिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं किसानों के लिए लंबे समय से एक आवाज आधारित परामर्श सेवा (टेलीकॉम ऑपरेटर के द्वारा संचालित) का इस्तेमाल कर रहा था. मैं उनको कॉल करता था और मौसम के बदलाव के बारे में जानकारी लेता था और इससे उत्पादन में वृद्धि करता था.'

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उन्होंने कहा, 'मैं ऑल इंडिया रेडियो के स्थानीय रेडियो स्टेशनों पर कृषि में मेरे प्रयोग के बारे में बोलने के लिए बुलाया जाता था. इसलिए कृषि मंत्रालय ने ओबामा के दौरे के दौरान सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई में मुझे एक स्टॉल लगाने के लिए चुना था. मैंने उनसे अनुवादक के जरिये दो मिनट बात भी की थी.'