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मद्रास हाई कोर्ट का निर्देश, अगड़ी जाति के गरीबों को भी आरक्षण देने पर करें विचार

कोर्ट ने कहा कि गरीब, गरीब होता है। फिर चाहे वह अगड़ी जाति से हो या पिछड़ी जाति से। समाजिक न्याय समाज में सभी वर्ग के लोगों को मिलना चाहिए।

Updated on: 16 Dec 2017, 07:58 PM

नई दिल्ली:

मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि आर्थिक रूप से कमज़ोर अगड़ी जाति के लोगों को भी शिक्षा और रोजगार में आरक्षण दिए जाने की संभावना पर विचार किया जाए।

हाईकोर्ट ने यह निर्देश आगड़ी जाति के 14 छात्रों की याचिका पर विचार करते हुए दिया है।

याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ओपन कैटेगरी के लिए रखी गईं एमबीबीएस सीटें बीसी और एमबीसी कैटेगरी को ट्रांसफर करना अवैध, मनमानी और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करना है।

इस याचिका पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा, 'कथित फॉरवर्ड कम्यूनिटीज में गरीबों को अब तक नजरअंदाज किया गया है। अब तक किसी ने उनके लिए आवाज नहीं उठाई, क्योंकि ऐसा करने पर सामाजिक न्याय के नाम पर विरोध का डर रहता है।'

कोर्ट ने कहा कि गरीब, गरीब होता है। फिर चाहे वह अगड़ी जाति से हो या पिछड़ी जाति से। समाजिक न्याय समाज में सभी वर्ग के लोगों को मिलना चाहिए।ॉ

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