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बोलने का नहीं मिला मौका तो मेयर ने बीच में ही छोड़ा सीएम कमलनाथ का प्रोग्राम

राजधानी के लाल परेड मैदान में शुक्रवार को राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए युवा स्वाभिमान योजना की शुरुआत के लिए समारोह का आयोजन किया गया.

Updated on: 23 Feb 2019, 09:15 AM

नई दिल्ली:

जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के आरोपों से घिरी मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने बोलने का मौका न दिए जाने का आरोप लगाते हुए युवा स्वाभिमान योजना के कार्यक्रम को ही बीच में छोड़ दिया. राजधानी के लाल परेड मैदान में शुक्रवार को राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए युवा स्वाभिमान योजना की शुरुआत के लिए समारोह का आयोजन किया गया.

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाद महापौर शर्मा को आभार व्यक्त करना था. लेकिन उन्हें आभार व्यक्त करने का मौका नहीं दिया गया और यह जिम्मेदारी विधायक आरिफ मसूद को दी गई. इस पर आलोक शर्मा ने नाराजगी जताते हुए कार्यक्रम को बीच में ही छोड़ दिया और मंच से चले गए.

आलोक शर्मा का आरोप है कि नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में तय था कि उन्हें आभार व्यक्त करना था. लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो वे कार्यक्रम के मंच से उठकर चले आए.

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उन्होंने कहा कि यह राजधानी की 13 लाख जनता का अपमान है. सरकार के रवैए के खिलाफ राज्य भर के महापौरों की भोपाल में 26 फरवरी को बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में सभी महापौर आकर अपनी समस्याओं को बताएंगे.

गौरतलब है कि राज्य में बेरोजगार शहरी गरीब युवाओं को रोजगार व प्रशिक्षण देने के लिए यह योजना अमल में लाई गई है. इसकी विधिवत शुरुआत शुक्रवार को हुई. इस योजना में अभी तक 49 हजार 294 बेरोजगार युवाओं ने अपना पंजीयन करवाया है. योजना में 21 से 30 वर्ष आयु समूह के शहरी युवा पंजीयन करा रहे हैं. योजना में दो लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवार के शहरी युवाओं को लाभान्वित किया जाएगा.

योजना के अंतर्गत नगरीय निकायों में 21 फरवरी से पंजीकृत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. युवाओं को 100 दिन में 13 हजार 500 रुपये स्टाइपेंड भी मिलेगा. प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को काम की जिम्मेदारी दी जाएगी.