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लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, सैन्य आधुनिकीकरण की तैयारी पर उठाए सवाल

थल सेना के सह प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद ने रक्षा बजट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे नाकाफी बताया है।

Updated on: 13 Mar 2018, 11:39 PM

नई दिल्ली:

थल सेना के सह प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद ने रक्षा बजट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे नाकाफी बताया है। उन्होंने कहा कि सैन्य आधुनिकीकरण की जरूरत को पूरा करने के लिहाज से बजट में सेना की मांग से 902 करोड़ रुपये कम मिले हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद ने संसदीय समिति के समक्ष अपने मौखिक बयान में कहा है कि 2018-19 के रक्षा बजट ने सैन्य आधुनिकीकरण की सेना की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

रक्षा मामलों पर संसद की स्थाई समिति से सह सेना प्रमुख ने कहा है कि 'इस बार के रक्षा बजट ने सैन्य आधुनिकीकरण की उम्मीदों पर पानी फेरा है। इस बार का रक्षा बजट एक झटके की तरह है। हमने मेक इन इंडिया के लिए 25 परियोजनाओं को सूचीबद्ध किया था, लेकिन उनको अमलीजामा पहनाने के लिए यह बजट पर्याप्त नहीं है। इस कारण हो सकता है कुछ परियोजनाओं को बंद करना पड़े।'

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लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद ने संसद की स्थाई समिति से कहा कि सेना के पास उपलब्ध 68 प्रतिशत सामान विंटेज श्रेणी का अर्थात जरूरत से ज्यादा पुराना हो चुका है। इस समिति के अध्यक्ष मेजर जनरल बीसी खंडूरी हैं।

उन्होंने आधुनिकीकरण के लिए 21,338 करोड़ के आवंटन को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि यह तो पहले से तय 29,033 करोड रु के खर्च से बहुत कम है जिस कारण कई परियोजनाओं को रोकना पड़ेगा।

उप सेना प्रमुख ने चीन से लगी सीमा पर निर्माण गतिविधियों को देखते हुए अपनी सीमा पर भी ढांचागत सुविधिाओं के विकास पर जोर दिया है।

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