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मुंबई कांग्रेस में कलह, मिलिंद देवड़ा के ट्वीट ने मचाया बवाल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और पूर्व मंत्री मिलिंद देवड़ा ने अपने ट्वीट में लिखा, 'हालांकि पार्टी के आंतरिक मामलों को सार्वजनिक करने की मेरा कोई इरादा नहीं है.

Updated on: 05 Feb 2019, 11:55 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और पूर्व मंत्री मिलिंद देवड़ा के ट्वीट कांग्रेस पार्टी के लिए चिंता का विषय बन सकता है. देवड़ा के किए गए ट्वीट से साबित होता है कि कांग्रेस में अंदर कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसके साथ ही मिलिंद देवड़ा और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम को लेकर मतभेद भी सामने आ गए है. कांग्रेस नेता ने मंगलवार को मुंबई कांग्रेस के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी के भीतर जारी अंदरूनी कलह से महानगर में पार्टी का जनाधार खतरे में पड़ गया है. उन्होंन लोकसभा चुनाव लड़ने की ओर भी इशारा किया है. 

मिलिंद देवड़ा ने अपने ट्वीट में लिखा, 'हालांकि पार्टी के आंतरिक मामलों को सार्वजनिक करने की मेरा कोई इरादा नहीं है, लेकिन हाल के एक इंटरव्यू में की गई टिप्पणी ने मुझे मुंबई की विविधता का प्रतीक बने रहने और अपने सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने के लिए मुंबई कांग्रेस की आवश्यकता के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए मजबूर किया.'

उन्होंने आगे लिखा कि देश की आर्थिक और सांस्कृतिक शहर मुंबई में हमें लोगों को साथ लाने की जरूरत है. मुंबई कांग्रेस सांप्रदायिक राजनीति के लिए एक क्रिकेट पिच नहीं बन सकती है, जिसमें नेता एक दूसरे के खिलाफ खड़े किए जाएं.

देवड़ा ने आगे लिखा, 'जो भी हो रहा है उससे मै निराश हूं और पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ने के मेरे रुख से अवगत है. हालांकि मुझे केंद्रीय नेतृत्व और हमारी पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर पूर्ण विश्वास है. खासतौर पर मुंबई में, जहां कांग्रेस का जन्म हुआ.

देवड़ा ने आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनावी अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे भारत में एक मजबूत अभियान का नेतृत्व कर रही है. अंदरूनी कलह से मुंबई में हमारे आधार को खतरा हो सकता है और यह नहीं होना चाहिए.

हालांकि बाद में मिलिंद देवड़ा ने सफाई देते हुए बयान दिया, 'मैं मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम और अन्य नेताओं से निवेदन करना चाहता हूं कि हमें आपसी राजनीतिक मतभेद दरकिनार कर एकजुट होकर काम करना चाहिए. मैं कहना चाहता हूं कि किभी संगठन में विचारों को लेकर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कोई अंदरूनी कलह नहीं है.'

बता दें कि संजय निरूपम पहले शिवसेना के नेता रह चुके हैं. उन्होंने साल 2005 में  कांग्रेस का दामन थामा था और 2009 में कांग्रेस के सांसद चुने गए लेकिन 2014 में चुनाव हारने के बावजूद उन्हें मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया.