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चुनाव रिजल्ट आने से पहले ही पीएम मोदी ने 100 दिन का एजेंडा तैयार करने का अधिकारियों को निर्देश दिया

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के नतीजे 23 मई को घोषित होंगे. लेकिन नतीजों से पहले ही पीएम मोदी को सत्ता में वापसी की उम्मीद है. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय, नीति आयोग और प्रिंसिपलसाइंटिफिक एडवाइजर से पहले नई सरकार के 100 दिन का एजेंडा तैयार करने के लिए कहा है.

Updated on: 15 Apr 2019, 01:57 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के नतीजे 23 मई को घोषित होंगे. लेकिन नतीजों से पहले ही पीएम मोदी को सत्ता में वापसी की उम्मीद है. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय, नीति आयोग और प्रिंसिपलसाइंटिफिक एडवाइजर से पहले नई सरकार के 100 दिन का एजेंडा तैयार करने के लिए कहा है. इस एजेंडे में अगले पांच वर्षों में जीडीपी वृद्धि को दोहरे अंकों पर लाने का लक्ष्य है.

मोदी सरकार के तीन शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक. व्यस्त चुनाव प्रचार के बीच पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन और प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर (PSA) प्रो के विजयराघवन को स्वच्छ भारत अभियान के साथ व्यापक आर्थिक और नौकरशाही सुधारों का एजेंडा तैयार करने का काम सौंपा है.

100 दिन के एजेंडे में पीएम मोदी ने तेल व गैस, खनिज, बुनियादी ढांचे और शिक्षा को लाल फीताशाही से मुक्त करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है. ताकि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने की नींव रखी जा सके. अधिकारियों का मानना है कि मुख्य क्षेत्रों में लालफीताशाही को दूर करके हम जीडीपी वृद्धि को 2.5 प्रतिशत तक आसानी से बढ़ा सकते हैं.

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जब पूरे देश का ध्यान लोकसभा चुनाव 2019 पर केंद्रित है वहीं पीएमओ नीति आयोग और पीएसए के ऑफिस में बैठकें करके लोगों से जुड़े मुद्दों का एजेंडा तैयार कर रहा है. इतना ही नहीं ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य मिशन को बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है.

अधिकारियों के मुताबिक अगर पीएम मोदी दोबारा सत्ता में आते हैं तो वह पीने के पानी और नदियों को आपस में जोड़ने को प्राथमिकता देंगे. इसका मूल विचार बांधों और लिंकेज का एक नेटवर्क तैयार करना है. ताकि भारत को ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर चीन से बांध के खतरे के साथ-साथ सिंधु जल संधि में भारत के तहत नदियों के ज्यादा उपयोग से खतरा न हो.

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एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं कि दक्षिण भारत में विशेष रूप से तमिलनाडु को पानी पहुंचाने का एकमात्र तरीका नदियों को आपस में जोड़ना है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना है कि मानसून के दौरान पानी को समुद्र में न बहने दिया जाए.

नीति आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक पूरे देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सड़कें, हवाई अड्डे और बंदरगाह बुनियादी ढांचे को तैयार करना अन्य प्राथमिकताओं में एक है. उन्होंने कहा कि यह योजना पहले से ही हवाई अड्डों के साथ-साथ होटलों का एक नेटवर्क बनाकर भारत की विशाल ऐतिहासिक विरासत को दिखाने के लिए तैयार हैं.