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लोकसभा चुनाव 2019 दूसरे चरण में वोटरों का जोश, जानिए किसको फायदा किसको नुकसान

दूसरे चरण में सबसे ज्यादा वोटिंग प.बंगाल और पुडुचेरी में हुई है जहां वोटिंग प्रतिशतता 80 प्रतिशत से भी ऊपर रही है. सबसे कम वोटिंग जम्मू में हुई जहां वोटिंग का प्रतिशत लगभग 45 प्रतिशत रही वहीं अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो वहां की 8 सीटों पर हुए चुनाव में तकरीबन 62 प्रतिशत मतदान हुआ है जो कि पिछले आम चुना की तुलना में थोड़ी सी ज्यादा है.

Updated on: 19 Apr 2019, 01:01 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दूसरे चरण का मतदान गुरुवार को संपन्न हो गया. देश के 12 राज्यों की 95 सीटों पर करीब 68 फीसदी लोगों ने मतदान किया. आपको बता दें कि 95 सीटों पर पिछले आम चुनावों में (लोकसभा चुनाव 2014) में 65 फीसदी वोटिंग हुई थी. जो कि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में 3 प्रतिशत ज्यादा है. वहीं साल 2009 से अगर तुलना करें तो 62.49 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. लोकसभा चुनाव के दो चरण के मतदान पूरे होने के बाद राजनीतिक दल अपने फायदे और नुकसान के आकलन में जुटे हैं. आपको बता दें कि दूसरे चरण में सबसे ज्यादा वोटिंग प.बंगाल और पुडुचेरी में हुई है जहां वोटिंग प्रतिशतता 80 प्रतिशत से भी ऊपर रही है. सबसे कम वोटिंग जम्मू में हुई जहां वोटिंग का प्रतिशत लगभग 45 प्रतिशत रही वहीं अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो वहां की 8 सीटों पर हुए चुनाव में तकरीबन 62 प्रतिशत मतदान हुआ है जो कि पिछले आम चुनाव की तुलना में थोड़ी सी ज्यादा है.

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में जिन 95 सीटों पर मतदान हुए हैं इनमें से पिछली बार के आम चुनावों में बीजेपी को 27 सीटें जीतने में सफलता हासिल हुई थी. जबिक एनडीए के पास 64 सीटें थीं ऐसे में दूसरा चरण मौजूदा पीएम मोदी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. वहीं, कांग्रेस ने इस दूसरे चरण में महज 12 सीटें जीती थी. इनके अलावा एआईएडीएमके ने 36 सीटें, शिवसेना ने 2 सीटें, बीजेडी ने 4 सीटें, आरजेडी ने 2 सीटें, जेडीएस ने 2 सीटें टीएमस जेडीयू को एक-एक सीट तथा 6 निर्दलीय उम्मीदवारों को सफलता मिली थी. वहीं अगर हम साल 2009 के आम चुनावों की बात करें तो दूसरे चरण की इन 95 सीटों में से कांग्रेस को 24, बीजेपी 20, डीएमके 18, एआईएडीएमके 9, बीजेडी 3, शिवसेना 4, जेडीएस 3, आरजेडी 3 और अन्य को 11 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. और अब हम अगर साल 2009 के दूसरे चरण और साल 2014 क दूसरे चरण की लोकसभा चुनाव की तुलना करें तो इन 95 सीटों पर कांग्रेस को 12 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था. जबकि बीजेपी को 7 सीटों का फायदा मिला था. इसके अलावा तमिलनाडु में डीएमके को नुकसान और एआईएडीएमके को फायदा मिला था.

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की 27 सीटें कुछ इस तरह से निकलीं थीं बीजेपी को यूपी से 8 सीट, महाराष्ट्र से 4 सीट, छत्तीसगढ़ में 3, कर्नाटक से 6 सीटे, असम में 2, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर में एक-एक सीट पर बीजेपी को सफलता हासिल हुई थी. बीजेपी महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी है. बिहार की जिन पांच सीटों पर वोटिंग हुई हैं इन सभी सीटों बीजेपी की सहयोगी जेडीयू चुनावी मैदान में थी. इसके अलावा तमिलनाडु में बीजेपी एआईएडीएमके के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी है. वहीं, बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक सहित बाकी राज्यों में बीजेपी अकेले चुनाव मैदान में उतरी थी.

वहीं अगर कांग्रेस की जीती सीटों पर बात करें तो दूसरे चरण की 95 सीटों में से साल 2014 में कांग्रेस ने 12 सीटों पर जीत हासिल की थी. इनमें कर्नाटक की 6, असम की 2, महाराष्ट्र की 2, बिहार की 1 और मणिपुर की 1 सीट शामिल थी. इसके अलावा बिहार में एनसीपी के तारिक अनवर ने जीत हासिल की थी, जो इस बार कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस के सहयोगी दल आरजेडी को दो सीटें मिली थीं. कांग्रेस महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ, बिहार में आरजेडी के साथ और तमिलनाडु में डीएमके साथ मिलकर चुनाव लड़ी है.