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मॉनसून सत्र : असम एनआरसी मुद्दे पर हंगामे के बाद राज्य सभा दिन भर के लिए स्थगित

लोक सभा और राज्य सभा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच मुद्दा गरमा सकता है।

Updated on: 01 Aug 2018, 06:22 PM

नई दिल्ली:

संसद के मॉनसून सत्र का आज दसवां दिन है। मंगलवार की तरह आज भी लोक सभा और राज्य सभा में असम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच मुद्दा तीखी बहस का हिस्सा बना रहा।

राज्य सभा में एक बार फिर एनआरसी मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसदों के विरोध प्रदर्शन के बाद सदन दिन भर के लिए स्थगित हो गया।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह हंगामे के कारण असम एनआरसी मुद्दे पर जवाब नहीं दे सके।

LIVE अपडेट्स

# राजनाथ सिंह खड़े होकर भी हंगामे के कारण नहीं दे सके जवाब, एनआरसी मुद्दे पर टीएमसी सांसदों के हंगामे के बाद राज्य सभा दिन भर के लिए स्थगित।

# असम एनआरसी मुद्दे पर राज्य सभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह दोपहर 2 बजे देंगे सवालों के जवाब: वेंकैया नायडू

# लोक सभा की कार्यवाही 2:05 मिनट तक स्थगित।

एनआरसी मुद्दे पर बीजेपी नेता रूपा गांगुली ने कहा, 'क्या उन्हें पता है कि पश्चिम बंगाल में अवैध प्रवासी भरे पड़े हैं? आज बंगाल में जैसा हो रहा है क्या यह कोई खूनी संघर्ष और गृह युद्ध से कम है? क्या वह नहीं जानती हैं कि हर दिन बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है।'

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत में चुनावों को प्रभावित करने के लिए कंपनियां डेटा का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार सोशल मीडिया की आजादी का समर्थन करती है लेकिम आतंकी गतिविधियों से जुड़े तत्वों पर कार्रवाई की जाएगी।

एनआरसी मुद्दे पर हंगामे के बाद राज्य सभा दोपहर 12 बजे तक स्थगित।

# डोकलाम मुद्दे पर टीएमसी सांसद सुगाता बोस के जवाब में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पीएम मोदी का वुहान दौरा पारस्परिक भरोसे और सहयोग को बढ़ाने पर था और डोकलाम मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई थी।

# राज्य सभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने कहा, मैं कल बहुत निराश था जब कुछ सदस्य गलत तरीके से सदन के वेल की तरफ आए, मैं आशा करता हूं कि यह दोबारा नहीं होगा। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा, सदन को शांतिपूर्वक चलना चाहिए।

# प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोक सभा में मौजूद।

# आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग कर रहे टीडीपी सांसदों ने संसद भवन के परिसर में किया प्रदर्शन

इससे पहले राज्य सभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे को लेकर कहा, 'सही भारतीयों को देश से बाहर नहीं भेजा जाना चाहिए। एनआरसी का राजनीतिकरण और वोट बैंक के तरह इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। यह एक मानवाधिकार का मामला है, न कि हिंदू-मुस्लिम का।'

वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य सासंद अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि राजीव गांधी ने 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर किया था जो एनआरसी के समान था। उनके पास इसे लागू करने का साहस नहीं था जो हमारी सरकार ने कर दिखाया।

शाह के इस बयान के बाद राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ था और सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई।

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