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ISRO ने किया संचार उपग्रह जीसैट-19 के साथ GSLV-Mark III का सफल लॉन्च, पीएम और राष्ट्रपति ने दी बधाई

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) देश के सबसे ताकतवर उपग्रह प्रपेण रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 को लॉन्च किया।

Updated on: 05 Jun 2017, 07:13 PM

नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) देश के सबसे ताकतवर उपग्रह प्रपेण रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 को लॉन्च कर दिया। जीएसएलवी मार्क-3 को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा से शाम 5.28 मिनट पर लॉन्च किया गया। इसका वजन करीब 640 टन है। 

जीएसएलवी मार्क-3 अन्य देशों के चार टन श्रेणी के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की दिशा में भारत के लिए अवसर खोलेगा। ये रॉकेट गेम चेंजर मिशन के तौर पर देखा जा रहा है।

जीएसएलवी मार्क-3 लॉन्च करने के लिए उच्च गति वाले क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा। करीब 30 साल की रिसर्च के बाद इसरो ने यह क्रायोजेनिक इंजन बनाया था।

 #WATCH ISRO launches GSLV Mark III carrying GSAT-19 communication satellite from Sriharikota, AP https://t.co/qD3Z2almEr

जीएसएलवी मार्क-3 के सफल लॉन्च पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई दी। पीम मोदी ने कहा,' जीएसएलवी मार्क-3 और जीसैट-19 के सफल लॉन्च के लिए इसरो के समर्फित वैज्ञानिको को बधाई।' पीएम मोदी ने कहा कि जीएसएलवी मार्क-3 और जीसैट-19 के सफल लॉन्च ने सैटेलाइट और वाहन क्षमता को अगली जनरेशन के करीब ला दिया। देश को गर्व है। 

देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी जीएसएलवी मार्क-3 और जीसैट-19 के सफल लॉन्च पर बधाई दी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा,' इसरो को GSLV-Mk III के ऐतिहासिक लॉन्च पर ढे़र सारी बधाई। देश को इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर गर्व है। 

इसरो के चेयरमैन किरण ने लॉन्च से पहले बताया था कि जीएसएलवी मार्क-3 को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य ज्यादा वजन वाले कम्यूनिकेशन सैटेलाइट जीएसएटी-19 को जीटीओ (जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट) में प्रवेश करवाना है। यह रॉकेट संचार उपग्रह जीसैट-19 को ले जाएगा जिसका वजन 3,136 किलोग्राम है।

जानिए लॉन्च के लिए तैयार भारत के ताकतवर और भारी भरकम रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 से जुड़ी ख़ास बातों के बारे में:

  • जीएसएलवी मार्क-3 200 एशियाई हाथियों के वजन के बराबर होगा। इस रॉकेट से इसरो भविष्य में भारतीयों को अंतरिक्ष में ले जा सकेगा।
  • जीएसएलवी मार्क-3 को बनने में करीब 15 साल का समय लगा और इस रॉकेट के बनने की लागत करीब 300 करोड़ रूपये है।
  • जीएसएलवी मार्क-3 लॉन्च करने के लिए उच्च गति वाले क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा। करीब 30 साल की रिसर्च के बाद इसरो ने यह क्रायोजेनिक इंजन बनाया था।
  • इस ताकतवर और विशाल रॉकेट की ऊंचाई किसी 13 मंजिली इमारत के बराबर है और यह चार टन तक के उपग्रह लॉन्च कर सकता है।
  • इसरो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भजने के लिए केंद्र से 12,500 करोड़ की मांग कर रहा है।
  • अगर सरकार राजी हो जाती है तो सात साल बाद इसरो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भजने में कामयाब हो जाएगा।
  • रॉकेट संचार उपग्रह जीसैट-19 को ले जाएगा जिसका वजन 3,136 किलोग्राम है।
  • 640 टन वजनी जीएसएलवी मार्क-3 पूरी तरह स्वदेशी है। इस ताकतवर रॉकेट को भारत में बनाया गया है।

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