logo-image

LIVE: PM आवास की तरफ बढ़ते AAP के मार्च को संसद मार्ग पर रोका गया, धारा 144 लागू

दिल्ली में अधिकारियों की हड़ताल के खिलाफ उप-राज्यपाल के ऑफिस में धरने पर बैठे केजरीवाल अब केंद्र सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं।

Updated on: 17 Jun 2018, 07:03 PM

highlights

  • आम आदमी पार्टी शाम 4 बजे प्रधानमंत्री निवास पहुंचकर विरोध मार्च निकालेगी
  • सिसोदिया ने चार सीएम को केजरीवाल से नहीं मिलने दिए जाने को अघोषित आपातकाल बताया
  • डोर टू डोर राशन योजना को मंजूरी और अधिकारियों का हड़ताल खत्म कराना मुख्य मांगें

नई दिल्ली:

दिल्ली में अधिकारियों की हड़ताल के खिलाफ उप-राज्यपाल के ऑफिस में धरने पर बैठे केजरीवाल अब केंद्र सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं।

आम आदमी पार्टी के नेता और सैंकड़ो कार्यकर्ता प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने निकले हैं। कार्यकर्ताओं के हुजूम को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली पुलिस ने पीएम आवास लोक कल्याण मार्ग के आसपास धारा 144 लागू कर दी है। इसका मतलब यह हुआ कि वहां एक चार साथ से ज्याद लोग जुट नहीं सकते।

इस मार्च को लेकर एतिहातन दिल्ली मेट्रो ने चार स्टेशनों को बंद कर दिया है। इन चार स्टेशनों में उद्योग भवन, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक, जनपथ और केंद्रीय सचिवालय के निकास द्वार बंद रहेंगे।

LIVE UPDATES:

# आप कार्यकर्ताओं के हुजूम को संसद मार्ग में रोका गया। उन्होंने कहा उन्हें यहां से आगे जाने की पुलिस ने इजाजत नहीं दी

अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर दिल्ली के अफसरों का झगड़ा सुलझाने के लिए पीएम मोदी से अपील की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा - सर, पूरी दिल्ली ही नहीं, पूरा देश अब तो आपसे गुहार कर रहा है- इन IAS अफ़सरों की हड़ताल ख़त्म करवा दीजिए और लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार को प्लीज़ काम करने दीजिए। जनता बहुत आहत और अपमानित महसूस कर रही है।

दिल्ली पुलिस के डीसीपी कहा, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को मार्च निकालने की इजाजत नहीं मिली है। हमने बेहद प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा में तैनात किया है। कार्यकर्ताओं ने कहा है कि वो पार्लियामेंट स्ट्रीट से आगे नहीं जाएंगे और हम उनसे बात कर रहे हैं।

# डीएमके नेता स्टालिन ने भी केजरीवाल को दिया समर्थन, कहा - दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उप-राज्यपाल के रवैये से चिंतित हूं। बीजेपी देश के संघीय ढांचे को बर्बाद कर रही है।

# पीएम आवास घेराव से पहले केजरीवाल ने किया ट्वीट, कहा हम आ गए हैं सड़कों पर लोकतंत्र की तलाश में, जब बैठी तानाशाही है प्रधानमंत्री आवास में

पीएम आवास का घेराव करने  मंडी हाउस की तरफ बढ़ें आप के हजारों कार्यकर्ता और समर्थक, धारा 144 लागू

# दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा है कि राज्य सरकार को मौजूदा नियमों और कानूनों के तहत काम करना चाहिए। वह जो चाहे वह नहीं कर सकते है।

नीति आयोग की बैठक में उप-राज्यपाल के जाने को लेकर केजरीवाल के ट्वीट पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, 'यह पूरी तरह गलत है। दिल्ली के उप-राज्यपाल नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक में शामिल नहीं है।'

दिल्ली के डीसीपी मधुर वर्मा ने कहा, 'आप ने विरोध मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली है। विरोध प्रदर्शन के दौरान चार मेट्रो स्टेशन उद्योग भवन, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक और केंद्रीय सचिवालय के निकासी गेट बंद रहेंगे।'

वहीं इससे पहले शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी को अनुमति मांगे जाने के बाद भी अरविंद केजरीवाल से नहीं मिलने दिया गया।

शनिवार रात को अरविंद केजरीवाल ने इसे घटना को लेकर ट्वीट किया, 'हम लोकतंत्र में रहते हैं। क्या प्रधानमंत्री दूसरे राज्यों के माननीय मुख्यमंत्रियों को एक दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री से मिलने को इंकार कर सकते हैं? राजनिवास किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है। यह भारत के लोगों का है।'

वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीधे तौर पर इसे अघोषित आपातकाल बताया है।

मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने पर पीएमओ कैसे रोक सकता है। क्या दिल्ली में अघोषित आपातकाल है?'

बता दें कि उपराज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों को कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिल चुका है।

मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन राजनिवास पर ही पिछले चार दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। वहीं एक और मंत्री गोपाल राय भी धरने पर हैं।

क्या है आप सरकार की मांग

1. दिल्ली सरकार की डोर टू डोर राशन योजना को उप-राज्यपाल मंजूरी दें

2. पिछले चार महीने से सरकार के कामकाज का बहिष्कार करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करें।

3. हड़ताल पर बैठे अधिकारियों को वापस कामकाज में लगाएं।

और पढ़ें: नोटबंदी के बाद जीडीपी को लेकर मेरी भविष्यवाणी हुई सच: पी चिदंबरम