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मोदी सरकार को राहत, नहीं पेश हो सका अविश्वास प्रस्ताव-लोकसभा कल तक के लिए स्थगित

तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) और अन्य विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से स्पीकर सुमित्रा महाजन ने लोकसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया।

Updated on: 19 Mar 2018, 01:01 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ आज भी अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं हो सका।

तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) और अन्य विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से स्पीकर सुमित्रा महाजन ने लोकसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया।

वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। इससे पहले शुक्रवार को भी दोनों दलों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया था लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिल पाई।

टीडीपी, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जानेे के मसले पर केंद्र सरकार के साथ एनडीए से भी अलग हो चुकी है। सरकार से अलग होने के बाद ही  पार्टी ने केंद्र सरकार के खिलाफ लोकसभा में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था।

Live Upades

# अविश्वास प्रस्ताव पर बोले फारुख अब्दुल्ला, कहा- मैं विपक्ष में हूं और विपक्ष जो करेगा उसका साथ दूंगा।

# लोकसभा में पेश नहीं हो सका अविश्वास प्रस्ताव। सदन कल तक के लिए स्थगित।

# बीजेपी को शिवसेना का झटका, अविश्वास प्रस्ताव से बनाई दूरी।

# अविश्वास प्रस्ताव पर हमलोग चर्चा चाहते हैंः राजनाथ सिंह।

# ट्रिपल तलाक बिल पर बीजेपी को सबसे पहले हमने समर्थन किया थाः चंद्रबाबू नायडू

हम एनडीए के सहयोगी के रूप में काम कर रहे थे, हम सोच रहे थे कि बीजेपी हमारे राज्य के साथ न्याय करेगी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआः चंद्रबाबू नायडू

# हंगामे के बाद लोकसभा दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित। 

संसदीय सेक्रेटरी को अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ तीन नोटिस दिया गया है।

दो नोटिस टीडीपी ने दिया है जबकि एक नोटिस वाईएसआर ने दिया है।

टीडीपी ने व्हिप जारी कर अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने को कहा।

अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को कोई खतरा नहींः बीजेपी सांसद।

गौरतलब है कि संसद में तभी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है जब सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल रही हो और उस प्रस्ताव को कम से कम 50 सांसदों का समर्थन मिले।

कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, एसपी के अलावा लेफ्ट पार्टियों ने भी अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।

लोकसभा वेबसाइट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास 274 सांसद, कांग्रेस के पास 48, एआईएडीएमके के पास 37, टीएमसी के पास 34, बीजेडी के पास 20, शिव सेना के पास 18, टीडीपी के पास 16, टीआरएस के पास 11, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पास 9, वाईएसआर कांग्रेस के पास 9, एसपी के पास 7, एलजेपी के पास 6, एनसीपी के पास 6, आप के पास 4, आरजेडी के पास 4, एसएडी के पास 4, एआईयूडीएफ के 3, आरएलएसपी के 3, अपना दल 2, आरएलडी के 2, आईयूएमएल के 2, जेडीएस के 2, जेडीयू के 2, जेएमएम के 2, एआईएमआईएम के 1, एआईएनआरसी के 1, सीपीआई के 1, नेकां के 1, पीडीपी के 1, केईसीएम के 1, एनपीपी के 1, पीएमके के 1, आरसीपी के 1, एसडीएफ के 1, एसडब्‍ल्‍यूपी के 1 और 3 सांसद निर्दलीय हैं।

गौरतलब है कि बजट सत्र के पहले दो हफ्ते हंगामे की भेंट चढ़ गई और इस दौरान सरकार कई अहम बिल बिना चर्चा के ही पास कराने में सफल रही थी।

आंध प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने के फैसले के बाद इन चार सालों के शासन के दौरान वाईएसआर कांग्रेस पहली ऐसी पार्टी है जिसने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है।

वाईएसआर कांग्रेस के बाद लंबे समय तक एनडीए सरकार की सहयोगी रही टीडीपी ने भी अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। आंध्र प्रदेश में टीडीपी का मुख्य मुकाबला वाईएसआर कांग्रेस से ही है।

इस साल के बजट में आंध्र प्रदेश को पर्याप्त धन नहीं मिलने और विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने की वजह से ही टीडीपी ने एनडीए से गठबंधन तोड़ लिया था।

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