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पीएम मोदी सीएम नीतीश के संग पुर्णियां के बाढ़ क्षेत्रों का कर रहे हैं हवाई दौरा, बिहार में अबतक 418 की मौत

बिहार में बाढ़ से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। अब तक कुल 418 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के निकल रवाना हुए है।

Updated on: 26 Aug 2017, 12:07 PM

नई दिल्ली:

बिहार में बाढ़ से स्थिति काबू से बाहर होती जा रही है। हालांकि एजेंसी रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रभावित इलाकों से पानी निकलने लगा है, लेकिन हालात मुश्किल है।

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के दौरे पर गए हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण कर रहे हैं। 

बता दें कि, पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ की चपेट में आने से 39 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद अब तक मृतकों की संख्या 418 तक पहुंच गई है। 

इस बीच पीएम मोदी बिहार के पुर्णियां ज़िले में बाढ़ पीड़ित इलाक़ों का हवाई सर्वेक्षण करने पहुंचे हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एयरपोर्ट पर पहुंचकर उनका स्वागत किया।

इस भीषण बाढ़ के चलते 1.67 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया, 'बाढ़ग्रस्त जिलों के प्रभावित इलाकों से अब बाढ़ का पानी उतर रहा है। अभी भी राज्य के 19 जिलों के 186 प्रखंडों की 1.61 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है।'

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आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से 39 लोगों की मौत हुई है, जिस कारण बाढ़ से मरने वालों की संख्या 418 तक पहुंच गई है।

इन इलाकों पर पड़ी सबसे ज़्यादा मुसीबत की मार

अररिया में सबसे ज्यादा 87 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 24, पूर्णिया में नौ, कटिहार में 40, पूर्वी चंपारण में 32, पश्चिमी चंपारण में 36, दरभंगा में 26, मधुबनी में 28, सीतामढ़ी में 43, शिवहर में चार, सुपौल में 16, मधेपुरा में 22, गोपालगंज में 20, सहरसा में आठ, मुजफ्फरपुर में सात, समस्तीपुर में दो तथा खगड़िया और सारण में सात-सात लोगों की मौत हुई है। सीवान के एक प्रखंड की चार पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है। यहां से किसी की मौत की सूचना नहीं है।

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आपदा प्रबंधन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बाढ़ग्रस्त जिलों में राहत और मरम्मत कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ ) की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।

एक अधिकारी के मुताबिक, 'राज्य के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में शिविरों में शरण लिए हुए लोग अब अपने घर लौटने लगे हैं। इस कारण राहत शिविरों की संख्या कम की जा रही है। फिलहाल 368 राहत शिविर चल रहे हैं, जिनमें करीब 1.59 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। इन क्षेत्रों में अभी भी 1,403 सामुदायिक रसोई चल रही हैं।'