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LIVE: NRC को लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- बीजेपी गेम प्लान के तहत कर रही है वोट बैंक की राजनीति

असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का दूसरा और अंतिम ड्राफ्ट कड़ी सुरक्षा के बीच आज जारी किया जाएगा। ड्राफ्ट को राज्य के सभी एनआरसी केंद्रों पर जारी किया जाएगा।

Updated on: 30 Jul 2018, 02:48 PM

गुवाहाटी:

असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का दूसरा और अंतिम ड्राफ्ट कड़ी सुरक्षा के बीच आज जारी कर दिया गया। अंतिम ड्राफ्ट के मुताबिक कुल 3.29 करोड़ लोगों में 2,89,83,677 लोगों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल किया गया है।

इस ड्राफ्ट के मुताबिक करीब 40 लाख लोग वैध नागरिक नहीं रहे, हालांकि वे दोबारा आवेदन कर सकते हैं।

ड्राफ्ट को राज्य के सभी एनआरसी केंद्रों पर जारी किया गया, यहां आवेदक अपना नाम, पता, फोटोग्राफ के साथ देख सकते हैं। इसके अलावा आवेदक एनआरसी की वेबसाइट और एसएमएस के जरिये चेक कर सकते हैं।

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केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने कहा, गृह मंत्री ने कहा है कि इसमें सरकार की भूमिका नहीं है। यह पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पूरी की गई। ड्राफ्ट अंतिम नहीं है, लोग अभी भी अपनी नागरिकता का दावा कर सकते हैं। विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है।

जिन 40 लाख लोगों का नाम ड्राफ्ट में नहीं है वे कहां जाएंगे? क्या केंद्र के पास उनके पुनर्वास की कोई योजना है? आखिरकार इससे बंगाल को ही कष्ट उठाना होगा। यह सिर्फ बीजेपी की वोट राजनीति है। गृह मंत्री से विनती है कि इस पर संशोधन लाएं: ममता बनर्जी

लोगों को एक गेम प्लान के तहत अलग किया जा रहा है। हम चिंतित हैं क्योंकि लोगों को अपने देश में ही शरणार्थी बनाया जा रहा है। यह बंगाली बोलने वाले और बिहारियों को बाहर करने का प्लान है। इसका परिणाम हमारे राज्य में भी होगा: ममता बनर्जी

# पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, जिन लोगों के पास आधार कार्ड और पासपोर्ट हैं उनके नाम भी ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है। सरनेम के आधार पर भी लोगों के नाम हटाए गए हैं। क्या सरकार जबरन निष्कासन की कोशिश कर रही है?

टीएमसी नेता एसएस रॉय ने कहा, केंद्र सरकार ने जानबूझकर 40 लाख से ज्यादा धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों को एनआरसी से बाहर किया है। जिसका असम से लगे विभिन्न राज्यों के जनसांख्यकीय पर गंभीर जटिलता आएगी। प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और स्पष्ट करना चाहिए।

असम कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा ने कहा, नागरिकता के लिए 40 लाख लोगों का नाम नहीं होना आश्चर्यजनक है और यह एक बड़ी संख्या है। इस रिपोर्ट में कई खामियां हैं। हम इस मुद्दे को सरकार के साथ और संसद में उठाएंगे। इसके पीछे बीजेपी की राजनीतिक उद्देश्य नजर है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले में कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

# केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, कुछ लोग डर का माहौल बनाने की अनावश्यक कोशिश कर रहे हैं। यह पूरी तरह से निष्पक्ष रिपोर्ट है। कोई भी गलत सूचना नहीं फैलाया जाना चाहिए। यह एक ड्राफ्ट है न कि अंतिम सूची।

# जिस व्यक्ति का नाम पहले ड्राफ्ट में था लेकिन अंतिम रिपोर्ट से नाम गायब है, उन्हें व्यक्तिगत पत्र दिया जाएगा जिससे वे सूची से बाहर किए जाने की आपत्ति और दावा फाइल कर सकते हैं।

ड्राफ्ट के मुताबिक विदेशी ट्राइब्यूनल में किसी रेफरेंस या हिरासत केंद्र में किसी व्यक्ति को लाने का सवाल नहीं: सत्येंद्र गर्ग (संयुक्त सचिव, उत्तर पूर्व)

अंतिम ड्राफ्ट के मुताबिक करीब 40 लाख लोग वैध नागरिक नहीं, हालांकि दोबारा कर सकते हैं आवेदन।

यह सिर्फ एक ड्राफ्ट है न कि अंतिम सूची। जिन लोगों का नाम शामिल है वे आपत्ति और नागरिकता का दावा कर सकते हैं: एनआरसी को-ऑर्डिनेटर

राज्य के एनआरसी को-ऑर्डिनेटर ने कहा, फाइनल ड्राफ्ट में कुल 3.29 करोड़ लोगों में 2,89,83,677 लोगों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल किया गया।

# असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का अंतिम ड्राफ्ट जारी किया गया।

मुख्यमंत्री ने बुलाई थी सर्वदलीय बैठक

इससे पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक के दौरान असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवल ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया और लोगों से अपील की कि किसी भी अफवाहों पर ध्यान न दें जिससे हिंसा फैल सकती हो।

सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री ने सुरक्षा स्थितियों का जायजा लिया। एनआरसी का दूसरा ड्राफ्ट दोपहर 12 बजे सभी एनआरसी सेवा केंद्रों पर जारी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, 'जिनका नाम सूची में शामिल किया गया है उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें आपत्ति जताने और अपनी नागरिकता साबित करने का मौका दिया जाएगा।'

उन्होंने कहा, '55,000 सरकारी व्यक्ति वर्षों से इस काम में लगे हैं। असम भारत का पहला राज्य है जहां एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है। यह असम के लोगों के लिए ऐतिहासिक क्षण है। मैं इस प्रक्रिया में सहायता करने के लिए उनका धन्यवाद करना चाहता हूं। सभी जिलों में सभी सर्किल पर लोगों की सहायता के लिए एक कंट्रोल रूम होगा।'

पहले ड्राफ्ट में 1.9 करोड़ लोगों के नाम

एनआरसी में सभी भारतीय नागरिकों के नाम शामिल होंगे, जो असम में 25 मार्च 1971 के पहले से रह रहे हैं यानी जिनके पास उनके परिवार के इस तारीख से पहले से रहने के सबूत हैं।

इससे पहले आखिरी ड्राफ्ट के लिए निर्धारित समय सीमा 30 जून थी, जिसे राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रकाशित नहीं किया जा सका था।

एनआरसी का पहला ड्राफ्ट 1 जनवरी 2018 को जारी किया गया था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 1.9 करोड़ लोगों को नागरिकता मिली थी।

जिन लोगों का नाम फाइनल ड्राफ्ट में शामिल नहीं होगा उन्हें आपत्ति दर्ज कराने के लिए और नागरिकता साबित करने के लिए समय दिया जाएगा। ऐसे लोगों को एनआरसी सेवा केंद्रों में 7 अगस्त से 28 सितंबर तक फॉर्म में आवेदन करना होगा।

एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया 2013 में शुरू हुई थी। यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के मार्गदर्शन और दिशानिर्देशों के तहत की गई है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि राज्य में सभी जगहों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं साथ ही जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षक को कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है।

केंद्र सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र बल की 200 कंपनियों को असम और पड़ोसी राज्यों में तैनात किया है। साथ ही पड़ोसी राज्यों की सीमा भी सील की गई है।

आवेदक टॉल फ्री नंबर 15107 और राज्य के बाहर से 18003453762 पर कॉल कर अपने आवेदन रसीद नंबर (एआरएन) देकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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