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न्यूज़नेशन एक्सक्लूसिव: नोटबंदी का एक महीना पूरा, जानिये क्या है हालात?

नोटबंदी के 30 दिन यानि एक महीना पूरा हो रहा है। इस एक महीने में लोगों को पैसे की कमी कका सामना करना पड़ा और पैसे होते हुए भी लोग उसे बैंक से निकाल नहीं पा रहे।

Updated on: 09 Dec 2016, 07:41 AM

नई दिल्ली:

नोटबंदी के 30 दिन यानि एक महीना पूरा हो रहा है। इस एक महीने में लोगों को पैसे की कमी कका सामना करना पड़ा और पैसे होते हुए भी लोग उसे बैंक से निकाल नहीं पा रहे। बैंक के बाहर और एटीएम पर पैसे निकालने के लिये लंबी कतार में खड़े लोग परेशान हैं। लोगों के बीच नोटबंदी और उशकी वजह से पैसे की कमी की चर्चा जोरों पर है।

इधर राजनीतिक तौर पर भी इस मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार को विपक्ष सड़क और संसद दोनों जगह घेर रहा है। नोटबंदी को लेकर विपक्षी दल ही नहीं बल्कि सरकार का सहयोग कर रहे शिवसेना जैसे दल भी विरोध कर रहे हैं। विपक्ष इस पर खासा विरोध दर्ज कर रहा है और सत्र के तीन हफ्ते बीत जाने के बाद भी संसद में कामकाज ठप है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के विरोध को दरकिनार करते हुए ये कहा है कि इससे देश को फायदा होगा। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि "कुछ दिनों की परेशानी" से "दूरगामी लाभ" मिलेगा। साथ ही उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा है कि इस फैसले से किसानों, मजदूरों और व्यापारी सबको फायदा होगा।

मोदी ने अपने ट्वीट्स में नोटबंदी से होने वाले फायदे के बारे में बात की है। उन्होंने कहा है कि ये कैशलेस भुगतान के लिये ये एक "ऐतिहासिक मौका" है। उन्होंने कहा, "मैं सलाम करता हूं भारत के लोगों को जिन्होंने भ्रष्टाचार, आतंकवाद और कालेधन के खिलाफ चल रहे इस यज्ञ में भाग लिया है।"

नोटबंदी के 30 दिन बाद अब क्या होगा? क्या स्थिति में सुधार हुआ है? क्या लोगों को पैसे की कमी से निजात मिली है? न्यूज़ नेशन इन सवालों के जवाब खोजने की कोशिश में है और ऐसे ढेर सारे सवालों के जवाब हमारे कार्यक्रम "नोटबंदी के 30 दिन" में एक्सपर्ट्स का पैनल देगा मिलेगा। जिसमें बीजेपी और कांग्रेस के नेता भी शामिल हैं।

हमारे पैनल में बीजेपी के सिद्धार्थनाथ सिंह, कांग्रेस के प्रवक्ता मीम अफज़ल, अर्थशास्त्री प्रोफेसर गौरव वल्लभ, अर्थशास्त्री प्रोफेसर अमन अग्रवाल, टैक्स एक्सपर्ट विपिन गर्ग, वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी, वरिष्ठ पत्रकार एन के सिंह, महामंडलेश्वर नवल किशोर दास और मार्केट एक्सपर्ट आकाश जिंदल शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी, जिसमें 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। 

लाइव अपडेट्स:

# जिन उद्योगपतियों के कर्ज़ माफ किये गए हैं, उनके नाम प्रधानमंत्री जी बताएं:ओम थानवी, वरिष्ठ पत्रकार

# प्रधानमंत्री जी को नोटबंदी से हो रही समस्या और फायदे के बारे में लोगों को बताना चाहिये विपक्ष भी अपने सुझाव दे सकता है जिससे उन्हें फायदा होगा: मीम अफज़ल

# किसानों को हो रही समस्या पर प्रधानमंत्री को ध्यान देना चाहिये: महामंडलेश्वर नवल किशोर दास

# भ्रष्टाचार में कमी आएगी सरकार के इस कदम से: एन के सिंह, वरिष्ठ पत्रकार

# जब लेस कैशलेस का सिस्टम होगा तो भ्रष्टाचार में कमी आएगी। सख्त कानून लाया जा रहा है। ऐसी पार्टी जो सुप्रीम कोर्ट के कहने पर भी भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं की वो हमें ज्ञान न दे: एन के सिंह, वरिष्ठ पत्रकार

# कैशलेस पहले भी चल ही रहा था। लेकिन नए नोट से भ्रष्टाचार खत्म हा जाएगा ये कहना बेवकूफी होगी: ओम थानवी, वरिष्ठ पत्रकार

# नोटबंदी से भ्रष्टाचार कम होगा लोकिन बंद हो जाएगा ये कहना मुश्किल है, आतंकवाद खत्म हो जाएगा ये कहना भी मुश्किल है: प्रो. अमन अग्रवाल

# जो 83 फीसदी लोग गांवों में रहते हैं और शहर के गरीब हैं उनकी दिक्कतों को कैसे दूर करेंगे: मीम अफज़ल

# ये फैसला देश हित में है लेकिन सरकार अगर लोगों को हो रही दिक्कतों के प्रति नकारने की स्थिति में आएगी तो गलत होगा: एन के सिंह, वरिष्ठ पत्रकार 

# आरबीआई ने जो विकास दर कम होने की भविष्यवाणी की है, उस पर सरकार का मत है कि ज्यादातर ट्रेड बिना टैक्स दिये होता था इससे सरकार को टैक्स मिलेगा जिससे उसका घाटा कम होगा: सिद्धार्थ नाथ सिंह

# जो स्कीम है वो गलत नहीं है, लेकिन इशके क्रियान्वयन को लेकर दिक्कत है। किसी ने भी इसके पीछे की नीयत पर सवाल नहीं उठाया है: प्रोफेसर गौरव वल्लभ

# धार्मिक संस्थाएं पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करेंगी: महामंडलेश्वर नवल किशोर दास

# आर्थिक स्थिति बेहतर होगी ये सिर्फ अनुमान है, ये आफतकाल है: ओम थानवी, वरिष्ठ पत्रकार 

# बैंकों की हालत खराब थी, इस फैसले से बैंकों की हालत में सुधार हो रहा है, इससे महंगाई कम करने में सहायता मिलेगी: प्रो. अमन अग्रवाल

# आरबीआई जिस तरह से नियम बदल रही है उससे जनता को परेशानी हो रही है सरकार समझ नहीं पा रही है कि स्थिति को कैसे सुधारा जाए: मीम अफज़ल

# कालेधन का अनुमान लगाना मुमकिन नहीं है, जो जमा हुआ वो सफेद और जो जमा नहीं हुआ वो काला धन है ऐसा नहीं है: सिद्धार्थ नाथ सिंह

# पैनलिस्ट ने नोटबंदी के बाद कालेधन को लेकर सवाल उठाया।