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दिल्ली सरकार-एलजी फिर आमने-सामने, उपराज्यपाल ने आप सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकराया

राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, जिसके तहत आप सरकार दिल्लीवालों को बुनियादी सरकारी सुविधाएं घर पर ही मुहैया कराना चाह रही थी।

Updated on: 27 Dec 2017, 05:18 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और उप राज्यपाल अनिल बैजल के बीच फिर एक बार फिर ठन गई है। राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, जिसके तहत आप सरकार दिल्लीवालों को बुनियादी सरकारी सुविधाएं घर पर ही मुहैया कराना चाह रही थी।

इस बात की जानकारी दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दी है।

मनीष ने ट्वीट किया, 'उपराज्यपाल महोदय ने दिल्ली सरकार द्वारा 40 सेवाओं को घर बैठे उपलब्ध कराने की योजना को ठुकरा दिया है। इसमें जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, विभिन्न लाइसेंस, सामाजिक कल्याण की योजानाएं, पेंशन और निबंधन भी शामिल था।'

इसके आगे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने लिखा, 'एलजी ने उसे सरकार के पास दोबारा विचार के लिए वापस भेजते हुए लिखा है कि इन सेवाओं को डिजिटली लोगों को मुहैया कराया जा सकता है बजाय इसके कि उसे दरवाजे तक इसके कागजात पहुंचाएं।'

मनीष ने कहा कि इनमें से कई प्रस्ताव पहले से डीजिटल है पर फिर भी लंबी लाइने लगती है। एलजी ने बिना ग्राउंड रियलिटी जाने फैसला लिया है। 

दरअसल दिल्ली की केजरीवाल सरकार 40 सार्वजनिक सेवाओं मसलन, बर्थ सर्टिफिकेट, लाइसेंस, पेंशन आदि को घर-घर जाकर पहुंचाने की घोषणा की थी। इस बात की घोषणा खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की थी।

इस को लेकर मनीष सिसोदिया ने कहा था कि आधिकारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए आपके दरवाजे पर पहुंचेंगे। काम पूरा होने पर भुगतान एकत्र करेंगे और आपके आधार बायोमेट्रिक्स की जानकारी की पुष्टि करेंगी। यह विचार राशन लेने के लिए लगने वाली लंबी लाइनों को खत्म करने के लिए है, जिसके लिए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।