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कुमार विश्वास : आप के पास नेतृत्व बदलने का है विकल्प खुला

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कुमार विश्वास ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के पास नेतृत्व में बदलाव का विकल्प खुला हुआ है, क्योंकि जब 'लोगों के बीच हमें लेकर एक अविश्वास है, ऐसे में अपनी हार का इल्जाम पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर लगाना गलत है।'

Updated on: 28 Apr 2017, 11:58 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कुमार विश्वास ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के पास नेतृत्व में बदलाव का विकल्प खुला हुआ है, क्योंकि जब 'लोगों के बीच हमें लेकर एक अविश्वास है, ऐसे में अपनी हार का इल्जाम पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर लगाना गलत है।'

दिल्ली के मुख्यमंत्री तथा पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल के नजदीकी माने जाने वाले कुमार विश्वास ने टेलीविजन चैनल इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि आप को 23 अप्रैल को दिल्ली नगर निगम चुनाव में मिली हार पर 'आत्ममंथन' करने की जरूरत है।

आप नेता ने कहा, 'हम कांग्रेस, मोदी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या ईवीएम से लड़ने के लिए जंतर मंतर पर धरने पर नहीं बैठे थे।'

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उन्होंने कहा कि पार्टी को इस पर फैसला करने की जरूरत है कि वह किसके खिलाफ लड़ रही है; भ्रष्टाचार के खिलाफ या पार्टियों या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित लोगों के खिलाफ।
उन्होंने कहा कि पार्टी को निगम चुनाव में हार के कारणों पर मंथन करना चाहिए।

विश्वास ने कहा, 'गोपाल भाई सक्षम हैं, लेकिन अन्य उम्मीदवार भी थे।' उन्होंने कहा कि पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी से इस बारे में बात की गई थी, लेकिन केजरीवाल की विधायकों के साथ इससे पहले हुई बैठक के दौरान फैसला ले लिया गया।

चैनल ने बताया है कि विश्वास ने कहा, 'मुझे दुख हो रहा है कि क्योंकि यह हमारी लगातार छठी हार है। यह बात तो तय है कि निगम चुनाव में लोगों ने हमें वोट नहीं दिया। लोगों के बीच हमें लेकर अविश्वास का माहौल है।'

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उन्होंने कहा, "हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया जाना अच्छा नहीं है। यह एक कारक हो सकता है, जिसे उठाया जा सकता है और उस पर चर्चा की जा सकती है, लेकिन हम मतदाताओं तक पहुंचने में नाकाम रहे हैं। पार्टी को हार के कारणों पर आत्ममंथन करना चाहिए।"

यह पूछे जाने पर कि क्या नेतृत्व में बदलाव हो सकता है, विश्वास ने कहा, 'हम जल्द ही इस पर पार्टी में चर्चा करेंगे।

गोपाल राय को पार्टी की दिल्ली इकाई का संयोजक नियुक्त जाने पर आप नेता ने संकेत दिया कि वह फैसले से खुश नहीं हैं, क्योंकि जिस बैठक में यह फैसला लिया गया था, उसमें उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था।

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