आज ही के दिन हाथ में गीता लेकर फांसी पर चढ़ गए थे खुदीराम बोस, पढ़ें 11 अगस्त का इतिहास
अंग्रेज सरकार उनकी निडरता और वीरता से इस कदर आतंकित थी कि उनकी कम उम्र के बावजूद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गयी।
नई दिल्ली:
देश की आजादी की लड़ाई में कुछ नौजवानों का बलिदान इतना उद्वेलित करने वाला था कि उसने पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम का रूख बदलकर रख दिया। इनमें एक नाम खुदीराम बोस (Khudiram Bose) का है, जिन्हें 11 अगस्त 1908 को फांसी दे दी गई। उस समय उनकी उम्र 18 साल कुछ महीने थी।
अंग्रेज सरकार उनकी निडरता और वीरता से इस कदर आतंकित थी कि उनकी कम उम्र के बावजूद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गयी। यह बालक हाथ में गीता लेकर ख़ुशी-ख़ुशी फांसी चढ़ गया।
खुदीराम की लोकप्रियता का यह आलम था कि उनको फांसी दिए जाने के बाद बंगाल के जुलाहे एक खास किस्म की धोती बुनने लगे, जिसकी किनारी पर खुदीराम लिखा होता था और बंगाल के नौजवान बड़े गर्व से वह धोती पहनकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।
11 अगस्त की तारीख में दर्ज देश दुनिया की कुछ और घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1908 : क्रांतिकारी खुदीराम बोस को फांसी दी गई।
1914 : फ्रांस ने ऑस्ट्रिया और हंगरी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1929 : पर्शिया और इराक के बीच मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए गए।
1940 : ब्रिटेन के पोर्टलैंड बंदरगाह पर जर्मनी ने हवाई हमला किया।
1944 : अमेरिका ने सुमात्रा द्वीप समूह के पालेमबेंग क्षेत्र पर हवाई हमला किया. 1960 : अफ्रीकी देश चाड ने फ्रांस से स्वतंत्रता हासिल की।
1961 : दादर नगर हवेली का भारत में विलय और इसे केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया।
1984 : तत्कालीन सोवियत रूस ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
2003 : उत्तर अटलांटिक संधि संगठन नाटो ने अफगानिस्तान में शांति बल की कमान संभाली।
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2004 : भारत और पाकिस्तान ने वांछित अपराधियों की सूचियों की अदला-बदली की।
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