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सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के विरोध में केरल बंद, कई इलाकों में धारा 144 लागू

केरल के प्रसिद्द सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन जारी है.

Updated on: 18 Oct 2018, 02:06 PM

नई दिल्ली:

केरल के प्रसिद्द सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन जारी है. मंदिर में दर्शन के लिए जा रहीं कई महिलाओं को बीच रस्ते में ही वापस लौटना पड़ा.बुधवार को आंध्र प्रदेश की एक महिला और उसके परिवार को भगवान अयप्पा मंदिर की यात्रा बीच में छोड़कर वापस जाने को मजबूर होना पड़ा. राज्य में भारी तनाव के चलते सन्निधनं, पांबा, नीलक्कल और एलवंगल में धारा 144 को लगा दी गई है. धारा 144 लागो क्षेत्र में एक जगह पर चार से ज्यादा लोग एक साथ खड़े नहीं हो सकते. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने बुधवार को केरल में हुई हिंसा का संज्ञान लिया. बुधवार को पचास साल से ज्यादा महिलाओं ने मंदिर में घुसने का प्रयास किया था. 

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केरल डीजीपी ने साइबर सेल को सोशल मीडिया पर अफवाह फैला रहे लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है. 

प्रदर्शनकारियों के विरोध के चलते महिला को अपने परिवार के साथ बीच रास्ते से ही लौटना पड़ा. केरल राज्य सड़क परिवहन आज ने आज बस न चलाने का ऐलान किया है. बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने एक बस में जमकर तोड़फोड़ की थी. सबरीमाला प्रोटेक्शन ने 12 घंटे राज्य में हड़ताल का ऐलान किया है. 

# पत्रकार सुहासिनी राज को भी बीच रास्ते से वापस भेज दिया गया था. पुलिस ने कहा कि जब वह मरकोट्टम पहुंचे तो भीड़ देखकर उन्होंने वापस लौटने का फैसला किया.

बुधवार को पुलिस ने महिलाओं की एंट्री को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया. 10-50 साल की उम्र की महिलाएं ज्यादातर सुरक्षा कारणों के वजह से दर्शन करने नहीं आई. नीलक्कल बेस कैंप पर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया. कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया. इसके साथ ही कई महिला पत्रकारों पर भी हमला किया गया. मंदिर में प्रवेश को लेकर प्रदशन कर रहे प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर कुछ संगठन विरोध कर रहे हैं. मंदिर के कपाट 22 अक्टूबर को बंद होंगे.

सबरीमाला संरक्षण समिति ने 12 घंटे राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य संगठनों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है. त्रावणकोरे देवास्वोम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रायर गोपालकृष्णन ने इस मामले पर केंद्र और राज्य से अध्यादेश की मांग की.

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सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी

शिवसेना की केरल इकाई ने शनिवार को चेतावनी दी कि प्रदेश के सबरीमाला मंदिर में अगर 10 से 50 साल तक की महिलाओं को प्रवेश दिलाई जाएगी तो उनके सदस्य सामूहिक आत्महत्या करेंगे. शिवसेना के वरिष्ठ नेता पी. अजी ने कहा कि आत्मघाती दस्ते में 50 से अधिक पुरुष और महिलाएं शामिल होंगे, जो परम त्याग के लिए तैयार हैं. अजी ने चेतावनी देते हुए कहा, 'मंदिर के भीतर और बाहर विभिन्न स्थानों पर हमारे सदस्य तैनात हैं. अगर किसी महिला को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी तो दस्ते के सदस्य अपनी जान दे देंगे.'

बता दें कि सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. कोर्ट ने 10 से 50 साल की उम्र के बीच की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया है.