केरल में बाढ़ और बारिश से मरने वालों की संख्या 37 पहुंची, कई जिलों में रेड अलर्ट जारी
केरल में भारी बारिश और बाढ़ से अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि रेड अलर्ट खतरनाक परिस्थितियों में जारी किया जाता है जिसमें भारी नुकसान होने की आशंका होती है।
तिरुवनंतपुरम:
केरल में भारी बारिश और बाढ़ से अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने केरल के एर्नाकुलम, पलक्कड, मलाप्पुरम, कालीकट जिले में 12 अगस्त तक रेड अलर्ट और 14 अगस्त तक ओरेंज अलर्ट जारी किए हैं। वहीं कासरगोड जिले के लिए 13 अगस्त तक ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। केरल के 14 में से 11 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और लगातार वहां राहत और बचाव का काम जारी है।
इडुक्की और वायनाड जिले में भी 14 अगस्त तक रेड अलर्ट और 15 अगस्त तक ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कन्नूर में 13 अगस्त तक रेड अलर्ट और 15 अगस्त तक ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह कल बाढ़ प्रभावित केरल का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लेंगे। गृह मंत्रालय ने बयान में बताया कि सिंह के साथ पर्यटन मंत्री के जे अल्फोंस और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी होंगे। वे बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे।
केरल में भारी बारिश और बाढ़ से तकरीबन सभी जिले भयावह स्थिति में हैं। बता दें कि रेड अलर्ट खतरनाक परिस्थितियों में जारी किया जाता है जिसमें भारी नुकसान होने की आशंका होती है। वहीं ओरेंज अलर्ट खतरे को देखते हुए तैयार रहने के लिए जारी किया जाता है।
केरल सरकार ने बाढ़ के कारण मरने वाले लोगों के परिवार के लिए शनिवार को 4 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। वहीं मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि घरों और खेतों का नुकसान उठाने वाले पीड़ितों को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।
वहीं केंद्रीय मंत्री के जे अलफोंस ने कहा कि राज्य के 14 जिलों में से 11 बाढ़ में डूबे हुए हैं। भारत सरकार वहां सशस्त्र बल भेज रखी है और पिछले 3 दिनों से वे जमीन पर हैं और राज्य सरकार और प्रशासन की मदद कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीम भी भेजी गई हैं। प्रधानमंत्री ने भी मुख्यमंत्री से बात की है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद और राज्य में आधारभूत संरचना को पुनर्स्थापित करने के लिए पर्याप्त फंड जारी करने का अनुरोध किया है।
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हालांकि भारी बारिश नहीं होने के पूर्वानुमान से इडुक्की बांध के इर्द-गिर्द, एर्नाकुलम और त्रिशूर में रहने वाले हजारों लोगों ने शनिवार को राहत की सांस ली। बारिश न होने के परिणामस्वरूप पिछले कई दिनों से तबाही मचा रहा इडुक्की बांधी का पानी कम होने लगा है।
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