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'पद्मावती' की तारीख टलवाने में मोदी ने निभाई होगी अहम भूमिका: करणी सेना

करणी सेना के सुप्रीम कोर्ट जाने के सवाल पर कलवी ने बताया, 'इसकी कोई जरूरत नहीं है। हम लोगों की अदालत में हैं और इसमें बहुत ताकत है।'

Updated on: 22 Nov 2017, 09:49 PM

highlights

  • रिलीज की तारीख इसलिए टली क्योंकि मुख्यमंत्रियों की भूमिका रही, प्रधानमंत्री की भूमिका रही: करणी सेना
  • 'पद्मावती' की रिलीज का लगातार विरोध कर रही है करणी सेना
  • पद्मावती फिल्म पर करणी सेना ने इतिहास से छेड़छाड़ करने का लगाया है आरोप

नई दिल्ली:

करणी सेना ने कहा है कि 'पद्मावती' विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुप रहने के बावजूद 1 दिसंबर को फिल्म की रिलीज की तारीख को स्थगित कराने में निश्चित ही एक अहम भूमिका निभाई होगी।

'पद्मावती' की रिलीज के विरोध में करणी सेना को लगातार समर्थन मिल रहा है।

सेना के संरक्षक संस्थापक लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जब तक निर्देशक संजय लीला भंसाली अपनी इस फिल्म की रिलीज के लिए एक नई तारीख की घोषणा करेंगे तब तक उनकी सेना के समर्थकों की संख्या 'चार से 14' हो चुकी होगी।

कलवी ने कहा, 'हालांकि, 'पद्मावती' के निमार्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने 'स्वेच्छा से' फिल्म की रिलीज को स्थगित कर दिया है लेकिन मोदी की इसमें भूमिका रही होगी।'

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कलवी ने कहा, 'रिलीज की तारीख इसलिए टली क्योंकि लोगों ने कई भूमिकाएं निभाईं। मुख्यमंत्रियों की भूमिका रही, प्रधानमंत्री की भूमिका रही, और सभी सामाजिक संगठनों की भूमिका है जिन्होंने आक्रामक और उत्साहपूर्वक फिल्म का विरोध किया है।'

'पद्मावती' को लेकर इस बात का विवाद है कि यह फिल्म राजपूत रानी पद्मावती के बारे में इतिहास को बिगड़ाती है। साल- 1303 में चित्तौड़ के घेराबंदी होने के दौरान पद्मावती ने अपने समुदाय के सम्मान की रक्षा के लिए जौहर कर लिया था।

पहले एक प्रेस वार्ता में कलवी ने कहा कि उन्होंने पहले ही चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के समर्थन हासिल कर लिया है।

उन्होंने कहा, 'मैं अगली तारीख तय होने तक इसे चार से 14 तक कर दूंगा। अगले दो दिनों में मैं तीन और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रहा हूं। यह फिल्म नहीं चलने दी जाएगी।'

उन्होंने कहा कि इस विवाद में 'हस्तक्षेप' करने के लिए उन्होंने मीडिया के माध्यम से मोदी से अपील की थी।

क्या वह मोदी को लिखित अपील करने की योजना बना रहे हैं? इस पर कलवी ने बताया, 'अगर जरूरत पड़ी तो हम प्रधानमंत्री को एक लिखित अपील भेजेंगे। मैंने किसी भी मुख्यमंत्री को या प्रधानमंत्री को कोई अपील नहीं लिखी है..मैं महाराष्ट्र जा रहा हूं..वे इस पर प्रतिबंध लगाएंगे, मुझे विश्वास है।'

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करणी सेना फिल्म की शूटिंग शुरू होने के बाद से ही भंसाली के विरोध में रही है और पिछले साल जयपुर में फिल्म के सेट पर उनके ऊपर हमला भी किया गया था। अब सेना इस फिल्म पर प्रतिबंध चाहती है।

करणी सेना के सुप्रीम कोर्ट जाने के सवाल पर कलवी ने बताया, 'इसकी कोई जरूरत नहीं है। हम लोगों की अदालत में हैं और इसमें बहुत ताकत है।'

सुप्रीम कोर्ट पहले ही फिल्म पर प्रतिबंध लागने वाली दो याचिकाओं को खारिज कर चुका है। इस पर कलवी ने कहा कि याचिका दाखिल करने वाले कुछ अधिक ही उत्साहित लोग थे जिनके पास कोई सबूत नहीं थे।

भंसाली को 'बार बार अपराध को दोहराने वाला व्यक्ति' बताते हुए कलवी ने कहा, 'वह जो कहते हैं, ठीक उसके विपरीत करते हैं और जो भी कहते हैं, कभी नहीं करते। उन्होंने सेंसर बोर्ड के आवेदन फॉर्म में फिल्म की प्रकृति के स्थान को खाली क्यों छोड़ दिया? उन्हें पता था कि वह चाहे ऐतिहासिक लिखे या काल्पनिक, संकट हर हाल में आएगा।'

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