कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना, प्लान बी को लेकर हरकत में कांग्रेस-BJP का बहुमत का दावा
कर्नाटक चुनाव के नतीजों से पहले त्रिशंकु विधानसभा की आशंका को देखते हुए कांग्रेस ने रणनीतिक तैयारी शुरू कर दी है।
highlights
- त्रिशंकु विधानसभा की आशंका को देखते हुए कांग्रेस ने रणनीतिक तैयारी शुरू कर दी है
- कांग्रेस के आंतरिक सर्वेक्षण में पार्टी को कुल 111 सीटें मिलती दिख रही है
- हालांकि अधिकांश एग्जिट पोल्स के मुताबिक राज्य में त्रिशंकु विधानसभा बनने की संभावना है
नई दिल्ली:
कर्नाटक चुनाव के नतीजों से पहले त्रिशंकु विधानसभा की आशंका को देखते हुए कांग्रेस ने रणनीतिक तैयारी शुरू कर दी है।
कांग्रेस के आंतरिक सर्वेक्षण में पार्टी को कुल 111 सीटें मिलती दिख रही है। हालांकि अधिकांश एग्जिट पोल्स के मुताबिक राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की बनने वाली संभावित स्थिति को देखते हुए पार्टी किसी तरह का सियासी जोखिम लेने के मूड में नहीं है।
राज्य में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति से निपटने के लिए कांग्रेस ने अभी से 'प्लान बी' पर काम करना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस ने चुनावी नतीजों से एक दिन पहले ही अपने दो वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और राजस्था के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बेंगलूर रवाना कर दिया है।
वहीं सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से बातचीत कर पार्टी की संभावित रणनीतियों के बारे में बातचीत की है।
गुजरात चुनाव के बाद यह दूसरा विधानसभा चुनाव है, जिसमें राहुल गांधी ने सीधे मोर्चा संभालते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को टक्कर दी।
12 मई को राज्य की 222 सीटों के लिए हुए चुनाव के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों ने ही स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा किया है। लेकिन चुनाव बाद आए एग्जिट पोल्स में स्थिति फंसती दिखाई दे रही है।
राज्य में तीसरी पार्टी (जनता दल सेक्युलर) के किंगमेकर बनने की संभावना के बाद दोनों दलों ने सियासी जोड़ तोड़ शुरू कर दी है।
हालांकि आधिकारिक रूप से कोई भी दल किसी संभावित स्थिति पर कुछ भी कहने से बच रहा है।
गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों से सबक लेते हुए कांग्रेस ने समय रहते ही प्लान बी की तैयारी शुरू कर दी है।
इन दोनों राज्यों में कांग्रेस रणनीतिक चूक की वजह से सरकार बनाते-बनाते रह गई थी।
गौरतलब है कि कर्नाटक, कांग्रेस के लिए अहम है। कर्नाटक में हारने के बाद पार्टी पंजाब, पुडुचेरी और मिजोरम तक में सिमट कर रह जाएगी।
बीजेपी की कर्नाटक में जीत से उसके कांग्रेस मुक्त अभियान को धार मिलेगी वहीं 2019 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस के मनोबल और राहुल गांधी की रणनीति को झटका लगेगा।
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