कर्नाटक इफेक्ट: बिहार समेत 4 राज्यों में विपक्षी दलों ने राज्यपाल से कहा, हमें भी सरकार बनाने का मिले मौका
कर्नाटक में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद राज्यपाल की तरफ से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सरकार बनाए जाने की मंजूरी दिए जाने के बाद बिहार समेत चार राज्यों में सियासी हलचल तेज हो गई है।
highlights
- कर्नाटक में येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद चार राज्यों में तेज हुई सियासी हलचल
- बिहार, गोवा, मेघालय और मणिपुर में विपक्षी दलों ने राज्यपाल से मिलने का मांग समय
नई दिल्ली:
कर्नाटक में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद राज्यपाल की तरफ से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सरकार बनाए जाने की मंजूरी दिए जाने के बाद बिहार समेत चार राज्यों में सियासी हलचल तेज हो गई है।
कर्नाटक के फॉर्मूले को देखते हुए गोवा में कांग्रेस पार्टी ने सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करते हुए गोवा कांग्रेस ने गुरुवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला के नक्शेकदम पर चलकर राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रस को आमंत्रित करने की मांग की।
कांग्रेस 2017 विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चोडांकर ने कहा, 'अगर कर्नाटक के राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं, तो गोवा की राज्यपाल राज्य की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को क्यों नहीं आमंत्रित करती हैं। दो राज्यों के लिए दो मापदंड क्यों? दोहरे मानक क्यों?'
उन्होंने कहा, 'मैं राज्यपाल से अनुरोध करता हूं कि वह कर्नाटक के राज्यपाल का अनुसरण करें और गलती सुधारते हुए गोवा में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को आमंत्रित करें।'
2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 13 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं कांग्रेस ने यहां 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
हालांकि बीजपी ने राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद राजनीतिक कुशलता दिखाते हुए दो स्थानीय पार्टियों और स्वतंत्र उम्मीदवारों के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाने में सफलता हासिल की थी।
बिहार में राज्यपाल से मिलेंगे तेजस्वी यादव
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद वहां उठे सियासी तूफान का असर अब बिहार में भी दिखने लगा है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने विधायकों के साथ शुक्रवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलेंगे।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) न केवल सबसे बड़ी पार्टी है बल्कि जेडी-यू के बाहर चले जाने के बाद भी कांग्रेस और आरजेडी का चुनाव से पहले का सबसे बड़ा गठबंधन है।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उन्हें सरकार बनाने के लिए क्यों नहीं बुलाया गया।
उन्होंने कहा कि अगर कर्नाटक में सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्योता दिया गया, तो बिहार में उसी तर्ज पर सरकार बनाने का न्योता आरजेडी कोमिलना चाहिए।
मेघालय और मणिपुर में भी उठी सरकार की मांग
बिहार और गोवा के साथ पूर्वोत्तर के दो राज्यों में भी ऐसी मांग उठने लगी है।
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह और मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने राज्यपाल से मुलाकात का समय मांगा है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, 'हम कल राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांग रहे हैं। हम राज्य में सबसे बड़ी पार्टी थे और चुनावी नतीजे आने के बाद हम तत्काल राज्यपाल से मिले थे लेकिन हमें सरकार बनाने के लिए नहीं बुलाया गया। हालिया घटनाक्रम को देखते हुए अगर बीजेपी को सरकार बनाने का मौका दिया जा सकता है तो हमें क्यों नहीं मिल सकता।'
गौरतलब है कि कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल-एस ने 117 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को सौंपी थी। लेकिन चुनाव बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी को राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दिया और येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की गुरुवार को शपथ भी दिला दी।
इसके बाद से पूरे देश में सियासी तूफान उठा हुआ है। विपक्ष इसे लोकतंत्र की हत्या बता रही है।
और पढ़ें: कर्नाटक हुआ बिहार और गोवा, RJD और कांग्रेस ने की सरकार बनाने की मांग
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