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Kargil Vijay Diwas: राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी ने करगिल जाबांजों को दी श्रद्धांजलि, 19 साल पहले भारतीय सेना ने पाक को चटाई थी धूल

आज करगिल युद्ध में भारत की विजय के 19 साल पूरे हो गए हैं। करगिल युद्ध भारत की ताकत का ऐसा उदहारण है जिसपर हर भारतीय को गर्व है।

Updated on: 26 Jul 2018, 04:52 PM

नई दिल्ली:

आज करगिल युद्ध में भारत की विजय के 19 साल पूरे हो गए हैं। करगिल युद्ध भारत की ताकत का ऐसा उदहारण है जिस पर हर भारतीय को गर्व है

8 मई 1999 को शुरू हुआ करगिल युद्ध 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ था।

हर साल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने पहाड़ियों पर कब्जा जमा लिया था जिसके बाद सेना ने ऑपरेशन विजय चलाया था।

19 साल पहले भारत ने आज के दिन कारगिल युद्ध में बड़ी जीत हासिल की थी। इस युद्ध में सैन्य की कार्रवाई में भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए, जबकि करीब 1363 घायल हुए थे।

इस युद्ध में पाकिस्तानी के तीन हज़ार सैनिक मारे गए, लेकिन पाक इस संख्या को 357 बताता आया है। करगिल युद्ध के समय तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे।

कारगिल विजय दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, सेनाध्यक्ष जनरल बिपीन रावत, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल सुनील लांबा, वायुसेना अध्यक्ष बिरेन्द्र सिंह धनोआ ने राजधानी दिल्ली स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन विजय के दौरान देश की सेवा करने वालों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट कर कहा, 'हम कारगिल के शहीदों के महान बलिदान को सलाम करते हैं और उनके परिवारों का हमारे ऊपर हमेशा रहने वाले ऋण को याद रखते हैं।'

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'कारगिल विजय दिवस पर राष्ट्रऑपरेशन विजय के दौरान देश की सेवा करने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। हमारे बहादुर सैनिकों ने यह सुनिश्चित किया कि भारत सुरक्षित रहे और उन्होंने शांति के माहौल को खराब करने की कोशिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया।'

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन विजय के दौरान अटल जी द्वारा प्रदान किए गए उत्कृष्ट राजनीतिक नेतृत्व को भारत हमेशा गर्व के साथ याद रखेगा। उन्होंने आगे बढ़कर हमारे सशस्त्रबलों का समर्थन किया और स्पष्ट रूप से विश्व स्तर पर भारत के रुख को स्पष्ट किया।'

देश के अलग-अलग हिस्सों में युद्ध में शहीद वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

भारत ने यह लड़ाई करीब 16 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ी। ढाई महीने तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। 

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