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'लेफ्ट' और 'राइट' के बीच की सियासत के समर्थक कमल हासन से मिले अरविंद केजरीवाल, तमिल राजनीति में नई सुगबुगाहट

तमिल सुपरस्टार कमल हासन के राजनीति में आने की अटकलों के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनसे मुलाकात की। केजरीवाल ने चेन्नई स्थित हासन के घर पर मुलाकात की और मुलाकात के बाद उनके राजनीति में आने की पैरवी कर डाली।

Updated on: 21 Sep 2017, 06:40 PM

highlights

  • राजनीति में आने की अटकलों के बीच तमिल सुपरस्टार कमल हासन से मिले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
  • केजरीवाल की तरह ही कमल हासन भी अभी तक लेफ्ट (वामपंथ) और राइट (दक्षिणपंथ) की राजनीति से समान दूरी बनाकर रखे हुए हैं

New Delhi:

तमिल सुपरस्टार कमल हासन के राजनीति में आने की अटकलों के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनसे मुलाकात की। केजरीवाल ने चेन्नई स्थित हासन के घर पर मुलाकात की और कहा कि उन्हें निश्चित तौर पर राजनीति में आना चाहिए।

मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा, 'हमारी बातचीत बेहद शानदार रही। हमने अपने विचारों को साझा किया। उन्हें (कमल हासन) राजनीति में आना चाहिए।' वहीं कमल हासन ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल को देखकर मैं यहां खुश हूं। हमने भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दों पर बातचीत की।'

केजरीवाल ने कहा, 'मैं कमल हासन का बड़ा प्रशंसक रहा हूं और जब देश में भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता जैसे स्थितियां उभरी हैं, हमें एक-दूसरे के साथ काम करने की जरूरत है।'

गौरतलब है कि इससे पहले कमल हासन कई नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं और वह इन बैठकों के बाद 'लेफ्ट' (वामपंथ) और 'राइट' (दक्षिणपंथ) दोनों की राजनीति से दूरी बनाते नजर आए हैं। वहीं केजरीवाल की राजनीतिक लाइन भी दोनों विचारधाराओं के बीच चलती रही है।

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केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से मुलाकात के बाद उन्होंने परोक्ष रूप से बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) पर निशाना साधा था। 

विजयन से मुलाकात के बाद हासन ने कहा था, 'मेरा रंग निश्चित रूप से भगवा नहीं है और मैं तमिलनाडु की किसी पार्टी से नहीं जुड़ सकता। मेरा रंग पिछले 40 सालों से जाहिर है। मैंने सिनेमा में काम किया है और उसका रंग निश्चित रूप से भगवा नहीं है।'

वहीं दूसरी तरफ हासन लेफ्ट में जाने की संभावना को भी खारिज कर चुके हैं। अभी तक वह वामपंथ और दक्षिणपंथ से बराबर दूरी बनाए जाने की वकालत करते रहे हैं।

विजयन से मुलाकात के बाद पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, 'जब मैं राजनीति में आने का फैसला करुंगा तब मेरा रास्ता लेफ्ट और राइट के बीच का होगा।'

इस लिहाज से केजरीवाल और हासन की मुलाकात राजनीतिक संभावनाओं के ज्यादा करीब बैठती है।

केजरीवाल की अभी तक की राजनीति 'लेफ्ट' और 'राइट' के बीच ही रही है। केजरीवाल देश की राजनीति में समाधान आधारित सियासत की पैरवी करते रहे हैं, और हासन भी अभी तक कुछ ऐसी ही बात करते नजर आ रहे हैं।

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केजरीवाल और कमल हासन के बीच वैसे समय में मुलाकात हुई है, जब तमिलनाडु की राजनीति में उठापटक जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत के बाद कमल हासन कई मौकों पर मौजूदा एआईएडीएमके (अन्नाद्रमुक) की सरकार को निशाना बना चुके हैं।

ई पलानीस्वामी और बागी नेता ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक के परस्पर विरोधी धड़ों के विलय पर बयान देते हुए हासन ने कहा था, 'यह लोगों को बेवकूफ बनाने जैसा है।'

वहीं दूसरी तरफ वह अन्नाद्रमुक की सरकार पर निशाना साधते हुए हासन विपक्षी पार्टी द्रमुक से समान दूरी बनाए रखे हुए हैं।

ऐसी स्थिति में केजरीवाल और हासन की मुलाकात के बेहद अहम मायने निकाले जा रहे हैं। केजरीवाल के इस कदम को तमिलनाडु की राजनीति में कदम रखने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। अभी तक तमिलनाडु की राजनीति दोतरफा रही है और आम आदमी पार्टी यहां अपनी जमीन तलाशने में जुटी हुई है।

दिल्ली की बवाना सीट पर हुए उपचुनाव के बाद आम आदमी पार्टी देश के अन्य राज्यों में जमीन तलाशने में आक्रामकता के साथ जुटी हुई है। पार्टी गुजरात में चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। माना जा रहा कि पार्टी नवंबर की भोपाल की बैठक में मध्य प्रदेश में भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकती है।

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