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जस्‍टिस यूयू ललित राम मंदिर केस से हट सकते हैं तो मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई क्‍यों नहीं, रामविलास वेदांती ने उठाए सवाल

उन्‍होंने कहा- इस मामले की सुनवाई के दौरान सिर्फ तारीखें मिलती थीं. बाद में कोर्ट ने डेट न देकर आपसी समझौते की बात कही.

Updated on: 10 May 2019, 06:45 AM

नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव 2019 में इस बार 'मैं चौकीदार हूं' और ' चौकीदार चोर है' जैसे नारे हवा में गूंज रहे हैं. अगर बात मुद्दों की करें इस बार राम, रक्षा और राष्‍ट्रवाद जैसे मुद्दे इस बार चुनाव में हावी रहेंगे. इन्‍हीं मुद्दों को लेकर सोमवार को दिल्‍ली के होटल ताज मान सिंह में न्‍यूज नेशन ने NN Conclave का आयोजन किया. इसमें राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रामविलास वेदांती ने कहा- अयोध्‍या केस से वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता राजीव धवन ने मांग की थी कि जस्‍टिस यूयू ललित चूंकि पूर्व में कल्‍याण सिंह के वकील रहे हैं, इसलिए उन्‍हें इस केस से हट जाना चाहिए. बाद में वो पीठ से हट भी गए.

रामविलास वेदांती ने कहा- अगर जस्‍टिस यूयू ललित केस से हट सकते हैं तो कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री केशब चंद्र गोगोई के बेटे होने के नाते चीफ जस्‍टिस रंजन गोगोई को भी केस से हट जाना चाहिए था.

उन्‍होंने कहा- इस मामले की सुनवाई के दौरान सिर्फ तारीखें मिलती थीं. बाद में कोर्ट ने डेट न देकर आपसी समझौते की बात कही. एक सवाल के जवाब में रामविलास वेदांती ने कहा- बीजेपी की सरकार बनी तो अगले कार्यकाल में अयोध्‍या में राम मंदिर जरूर बनेगा.