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लोया केस पर SC के फैसले के बाद BJP का कांग्रेस पर हमला कहा- माफी मांगे राहुल, कांग्रेस ने उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने जज बीएच लोया की कथित तौर पर रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में स्वतंत्र जांच की मांग को खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा।

Updated on: 19 Apr 2018, 02:57 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने जज बीएच लोया की कथित तौर पर रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में स्वतंत्र जांच की मांग को खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने कौर्ट का फैसला आने के बाद राहुल गांधी पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, 'जज लोया की मौत पर आए फैसले ने एक बार फिर कांग्रेस का पर्दाफाश कर दिया है। राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जिससे लोगों के बीच सरकार को लेकर नकारात्मक भावनाएं पैदा होती हैं। मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं।'

वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'पिछले कुछ समय से कुछ लोग जिस प्रकार से न्याय प्रक्रिया का राजनीतिकरण कर रहें है आज उसका पर्दाफाश हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस मुद्दे पर माफी मांगनी चाहिए।'

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को बदनाम करने की साजिश नाकाम हुई है। कोर्ट को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जा सकता है। 

वहीं कांग्रेस ने कोर्ट के फैसले से नाराजगी जताई। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने ट्विटर पर लिखा, 'लोया केस पर आए जजमेंट की तार्किक विश्लेषण होनी चाहिए...जब तक की इसके तार्किक कारण नहीं पाए जाते इससे कई ऐसे सवाल उठेंगे जिसका जवाब नहीं होगा।'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पेशे से वकील सलमान खुर्शीद ने भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, 'बहुत सारे लोग आज निराश होंगे पर यह सुप्रीम कोर्ट है और हमें उसके फैसले को मानना होगा और फैसले का सम्मान करना होगा।'

नागपुर के जॉइंट सीपी ने कहा, 'पुलिस ने अच्छे से जांच की थी और सारे दस्तावेज और सबूत सुप्रीम कोर्ट में पेश किए जा चुके हैं, फैसला इसपर ही आधारित है। याचिकाएं गलती थी क्योंकि उन्हें सच का पता नहीं था।'

कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने जज बीएच लोया की कथित तौर पर रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में स्वतंत्र जांच की मांग को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले का कोई आधार नहीं है, इसलिए इसमें जांच नहीं होगी।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, 'चार जजों के बयान पर संदेह का कोई कारण नहीं है, उन पर संदेह करना संस्थान पर संदेह करने जैसा होगा। इस मामले के लिए न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।'

जज लोया सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। उनकी 1 दिसंबर 2014 को रहस्यमय परिस्थियों में मौत हो गई थी हालांकि कहा गया था कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुआ था।

क्या है सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामला

घटना साल 2005 में हुई थी। नवंबर महीने में सोहराबुद्दीन शेख और उनकी पत्नी कौसर बी हैदराबाद से एक बस में सांगली आ रहे थे जब पुलिस ने उन्हें पकड़ा और अहदाबाद ले आए। बाद में गुजराज पुलिस ने उनके एनकाउंटर की बात कही।

बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कथित एनकाउंटर की जांच शुरू हुई। इस मामले को sc ने जांच के लिए गुजरात के बाहर भेज दिया।

गुजरात पुलिस ने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह को भी साज़िश रचने के आरोप में गिरफ़्तार किया था जिन्हें बाद में अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।