नजीब अहमद केस: CBI की याचिका पर कोर्ट ने पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए JNU के 9 छात्रों से मांगा जवाब
सीबीआई ने नजीब के मामले में 9 छात्रों के लाई डिटेक्शन टेस्ट के लिए उनकी रजामंदी मांगी है। इसी के तहत सीबीआई ने कोर्ट में अर्जी दी थी।
highlights
- पिछले साल 14 अक्टूबर की रात नजीब अहमद जेएनयू हॉस्टल से हुआ था लापता
- दिल्ली पुलिस के नाकाम रहने के बाद सीबीआई को सौंपा गया मामले की जांच का जिम्मा
- डिटेक्शन टेस्ट पर कोर्ट ने 9 छात्रों से मांगा जवाब
नई दिल्ली:
जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में सीबीआई की 9 छात्रों की जल्द लाई डिटेक्शन टेस्ट के अनुरोध पर जल्द सुनवाई के लिए कोर्ट ने सहमति दे दी है।
दरअसल, सीबीआई ने नजीब के मामले में 9 छात्रों के लाई डिटेक्शन टेस्ट के लिए उनकी रजामंदी मांगी है। इसी के तहत सीबीआई ने कोर्ट में अर्जी दी थी।
नजीब पिछले साल 14 अक्टूबर की रात एबीवीपी के कुछ छात्रों से हुए झगड़े के बाद जेएनयू के एक हॉस्टल से अचानक गायब हो गया था। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट सीबीआई को फटकार लगाते हुए कह चुकी है कि वह जांच में रूची नहीं ले रही है।
अदालत ने तब सीबीआई की मंशा पर भी संदेह प्रकट किया, क्योंकि उसने मामले की स्टेटस रिपोर्ट जो एक मुहरबंद लिफाफे में पेश की है, उस संदर्भ में उसने अदालत के सामने 'विरोधाभासी बयान' दिया।
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हाई कोर्ट ने 16 मई को सीबीआई से नजीब की गुमशुदगी के मामले की जांच करने को कहा था।
कोर्ट नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस द्वारा दायर हेबिस कॉर्पस उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके बेटे को पुलिस और दिल्ली सरकार अदालत के सामने पेश करे।
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