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जेएनयू में दाखिले में कटौती नहीं, मीडिया रिपोर्ट को बताया गलत

जेएनयू ने बुधवार को कहा कि किसी भी स्कूल या प्रमुख शिक्षा संस्थान की शैक्षिक सीटों में कमी नहीं की गई है। जेएनयू के मुताबिक मीडिया में जो खबरें चल रही हैं, झूठी हैं।

Updated on: 08 Feb 2017, 11:39 PM

नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने दाखिले में भारी कटौती से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है।

जेएनयू ने बुधवार को कहा कि किसी भी स्कूल या प्रमुख शिक्षा संस्थान की शैक्षिक सीटों में कमी नहीं की गई है। विश्वविद्यालय के रेक्टर चिंतामणि महापात्रा ने आईएएनएस से कहा, 'इस तरह की कोई घोषणा विश्वविद्यालय से नहीं की गई है। हमने विद्यार्थियों के दाखिले में कोई कमी नहीं की है। सभी खबरें जो मीडिया में चल रही हैं, झूठी हैं।'

कई मीडिया संगठनों ने बुधवार को खबर प्रकाशित की थी कि जेएनयू ने अपनी वेबसाइट पर एक 'आधिकारिक' घोषणा में कई स्कूलों में सैकड़ों सीटों में कमी की है।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया, 'विश्वविद्यालय ने एम. फिल. और पीएच.डी. पाठ्यक्रमों में बड़े स्तर पर विद्यार्थियों के दाखिले में कटौती की घोषणा की है और आगामी शैक्षिक सत्र में कुछ विभागों में नए दाखिलों को खत्म कर दिया है।'

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दूसरी तरफ महापात्रा ने कहा, 'हमने इस तरह की कोई कमी नहीं की है। इस मामले में निर्णय लंबित है और निकट भविष्य में लिया जाएगा।'

हालांकि, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देश यदि लागू किए जाएं तो (जिसमें पीच.डी और एम.फिल के विद्यार्थियों की संख्या सीमित करने की सिफारिश की गई है) आने वाली लंबी अवधि तक इन पाठ्यक्रमों में कोई प्रवेश नहीं हो पाएगा।

इस दिशानिर्देश में एक प्रोफेसर के लिए पीएच.डी के अधिकतम आठ विद्यार्थी, एसोसिएट प्रोफेसर के लिए छह विद्यार्थी और सहायक प्रोफेसर के लिए तीन विद्यार्थी निर्धारित हैं।

इसी तरह एम.फिल के उम्मीदवारों के मामले में प्रोफेसर के लिए तीन, एसोसिएट प्रोफेसर के लिए दो और सहायक प्रोफेसर के लिए एक विद्यार्थी निर्धारित है।