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झारखंड: मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला पहनाने पर घिरे जयंत सिन्हा ने दी सफाई

बीते साल 29 जून को एक भीड़ ने रामगढ़ जिले में अलीमुद्दीन पर गोमांस ले जाने का आरोप लगाकर उनकी हत्या कर दी थी।

Updated on: 07 Jul 2018, 01:29 PM

नई दिल्ली:

झारखंड के रामगढ़ जिले में बीते साल एक व्यक्ति को गोमांस रखने के शक में बीजेपी नेता सहित 11 लोगों ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में कुछ दिन पहले ही हत्या के 8 आरोपियों को झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी।

खबर के मुताबिक केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने जेल से निकलने पर इन आरोपियों को माला पहना कर स्वागत किया।

शनिवार को जयंत सिन्हा ने रामगढ़ मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।

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तस्वीर सामने आने के बाद जयंत सिन्हा की हर तरफ आलोचना होने लगी। इस पर उन्होंने अपनी सफाई में कहा, 'जब उन लोगों को जमानत मिली तो वह मेरे घर आए। मैंने उन सभी को बधाई दी। भविष्य में कानून को उसका काम करने दें। जो आरोपी हैं उन्हें सजा मिलेगी और जो निर्दोष होंगे वह आजाद होंगे।' 

उन्होंने आगे कहा, 'मुझे हमारी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। दुर्भाग्यवश मेरे काम को लेकर गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए जा रहे हैं। जबकि मैं कानून की उचित प्रक्रिया का सम्मान कर रहा हूं। जो निर्दोष हैं वह छोड़ दिए जाएंगे और जो दोषी होंगे उन्हें कड़ी सजा मिलेगी।'

इस मामले में जब विवाद बढ़ा तो जयंत सिन्‍हा ने सफाई देते हुए कहा कि आरोपियों की याचिका पर रांची हाईकोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया है और सभी आरोपियों को जमानत पर छोड़ दिया है।

इस मामले में हाईकोर्ट मामले की दोबारा से सुनवाई करेगा।

केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे हमारी न्यायपालिका और कानून पर पूरा विश्‍वास है। उन्‍होने कहा कि दुर्भाग्यवश मेरे कार्यों के बारे में गैर जिम्मेदार बयान दिए जा रहे हैं जबकि मैं जो कुछ भी कर रहा हूं वह कानून की उचित प्रक्रिया का सम्मान है।  जो निर्दोष हैं उन्हें बचाया जाएगा और दोषी को उचित रूप से दंडित किया जाएगा।

जयंत सिन्हा ने कहा, 'मैंनेपहले ही साफ कर दिया है। आरोपियों को जरूर सजा मिलनी चाहिए। मैं एक जन प्रतिनिधि हूं और एक नेता हूं। मैंने कानून की सुरक्षा के लिए शपथ ली है। किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।

बीते साल 29 जून को एक भीड़ ने रामगढ़ जिले में अलीमुद्दीन पर गोमांस ले जाने का आरोप लगाकर उनकी हत्या कर दी थी। यह मुकदमा झारखंड उच्च न्यायालय की निगरानी में चला।

मुकदमे के दौरान अभियोजक ने 19 गवाह व 59 दस्तावेज प्रस्तुत किए। आरोपियो को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराया गया था।

बता दें कि हजारीबाग के रहने वाले मोहम्मद अलीमुद्दीन का मीट का कारोबार था। वह पिछले साल जून के महीने में एक मारुति वैन से रामगढ़ से गुजर रहे थे। इस दौरान कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी रोक ली और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी। बाद में इन लोगों ने उनकी वैन भी जला दी।

गौरतलब है कि आरोपियों का समर्थन करने 50 से ज्यादा विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता पहुंचे थे।

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