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झारखंड सरकार ने 85,429 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, ग्रामीण विकास पर खर्च का लक्ष्य

सरकार को करों से 20,850 करोड़ रुपये की कमाई की उम्मीद है, जबकि गैर-कर प्राप्तियों से 10674.20 करोड़ रुपये और केंद्रीय मदद से 13,833.80 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है.

Updated on: 22 Jan 2019, 08:34 PM

रांची:

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में राज्य वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 85,429 करोड़ रुपये घाटे का बजट पेश किया. दास ने वित्त मंत्रालय अपने पास रखा है. वह पहले मंत्री हैं, जिन्होंने लगातार पांचवें साल राज्य का बजट पेश किया है.

सरकार ने बजट का प्रमुख हिस्सा ग्रामीण विकास के लिए आवंटित किया है, जिसमें पंचायतों के लिए 14.32 फीसदी, शिक्षा के लिए 13.56 फीसदी और कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए 9.46 फीसदी का आवंटन किया गया है. वहीं, समाज कल्याण क्षेत्र में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 7.72 फीसदी, पुलिस और आपदा प्रबंधन के लिए 7.15 फीसदी फंड का आवंटन किया गया है.

सरकार को करों से 20,850 करोड़ रुपये की कमाई की उम्मीद है, जबकि गैर-कर प्राप्तियों से 10674.20 करोड़ रुपये और केंद्रीय मदद से 13,833.80 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है.

केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 29,000 करोड़ रुपये और सार्वजनिक कर्ज में 11,000 करोड़ रुपये है, जबकि उधार और अग्रिम संग्रह से सरकार को 71 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.

वित्त वर्ष 2019-20 में जीएसडीपी (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) 3,16,731 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष से 10.5 फीसदी अधिक है. वित्त वर्ष 2018-19 में जीएसडीपी 2,86,598 करोड़ रुपये थी.

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वित्त वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 83,513 रुपये रहने का अनुमान है, जो कि वित्त वर्ष 2018-19 (76,806 रुपये) से 8.73 फीसदी अधिक है.

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटा 7,155.63 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2.26 फीसदी अधिक है.