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जेट एयरवेज में बढ़ा संकट, केबिन क्रू ने वेतन नहीं मिलने पर जताई निराशा तो DGCA ने दिए ये निर्देश

किंगफ़िशर की राह पर चल रहे जेट एयरवेज के अच्छे दिन नहीं चल रहे है. जेट एयरवेज की वित्तीय हालत लगातार खराब होती जा रही है.

Updated on: 19 Mar 2019, 08:37 PM

नई दिल्ली:

किंगफ़िशर की राह पर चल रहे जेट एयरवेज के अच्छे दिन नहीं चल रहे है. जेट एयरवेज की वित्तीय हालत लगातार खराब होती जा रही है. आज विमान कंपनी के घरेलू पायलटों के निकाय नेशनल एविएटर्स गिल्ड की बैठक हुई. हाल के समय में एयरलाइन के घटे परिचालन के मद्देजर यह बैठक महत्वपूर्ण है. जेट एयरवेज अपने इंजीनियरों और पायलटों सहित अन्य वरिष्ठ कर्मचारियों को तीन महीने से अधिक से वेतन नहीं दे पाई है. DGCA ने आज  जेट एयरवेज के परिचालन, वायुयान और यात्री सुविधा पर के काम की समीक्षा की. डेटा की निगरानी डीजीसीए द्वारा नियमित रूप से की जा रही है. DGCA यह सुनिश्चित कर रहा है कि बेड़े में सभी विमान चाहे ऑपरेशन में हों या जमीन पर, उन्हें अनुरक्षित मेंटेनेंस प्रोग्राम के अनुसार बनाए रखा गया है. 

जेट एयरवेज को यह सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिया गया कि प्रकार की दिक्कत में चल रहे किसी भी पायलट/केबिन क्रू/ एएमई को ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, डीजीसीए ने हवाई किराए में बढ़ोतरी को लेकर घरेलू एयरलाइनों के साथ बैठक की. बैठक में सलाहकारों ने एयरलाइंस को क्षमता बढ़ाने और किराये पर लगाम रखने की सलाह दी. कभी-कभी घरेलू कारकों के कारण किराए में बढ़ोतरी होती है लेकिन एयरलाइंस ने नियंत्रण में रखने का वादा किया है.

नेशनल एविएटर्स गिल्ड के अध्यक्ष ने कहा कि जेट एयरवेज के एक पंजीकृत पायलट यूनियन ने प्रबंधन को धमकी दी है कि अगर उचित वेतन नहीं दिया जाएगा और जल्द ही ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है, तो जेट एयरवेज के यूनियन पायलट 1 अप्रैल से उड़ान बंद कर देंगे. इससे एक दिन पहले जेट एयरवेज ने आबू धाबी में अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया था, जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

जेट एयरवेज ने इस साल की शुरुआत में उड़ान के 25 साल पूरे किये है . 31 मार्च, 2018 को कंपनी में 16,558 स्थायी कर्मचारी थे. जेट एयरवेज में कुल 16,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं. एयरलाइन की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में 6,306 अस्थायी/आकस्मिक कर्मचारी थे. 2016 और 2017 तक लगातार दो साल के मुनाफे के बाद वित्त वर्ष 2018 में जेट को 767 करोड़ का घाटा हुआ था. 

बता दें कि नरेश गोयल की अगुवाई वाली एयरलाइन Jet Airways में Gulf carrier Etihad की 24 फीसदी हिस्सेदारी है.

वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने पट्टेदारों का बकाया नहीं चुकाया है, जिस वजह से विमानन कंपनी लगातार अपने विमानों का परिचालन बंद कर रही है. कंपनी ने अब तक अपने 40 से अधिक विमान खड़े कर दिए हैं. कंपनी के सूत्रों ने बताया कि विमानन कंपनी ने अपने 123 विमानों में से 50 प्रतिशत का परिचालन बंद कर दिया गया है. इससे पहले भी इसी तरह से जेट एयरवेज ने बीएसई को सूचित किया था कि पट्टेदारों के बकाया राशि को नहीं चुकाने की वजह से उसने अपने चार विमानों के परिचालन को बंद कर दिया है.