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जेडी-यू का पलटवार: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए मीरा कुमार नहीं गोपाल गांधी पर बनी थी सहमति

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार कोविंद को समर्थन दिए जाने के बाद पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और फिर कांग्रेस के निशाने पर आई जेडी-यू ने पलटवार किया है। जनता दल यूनाइटेड (जेडी-यू) के प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा कि विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर यह सहमित बनी थी कि वह कोई गैर कांग्रेसी व्यक्ति होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

Updated on: 26 Jun 2017, 08:40 PM

highlights

  • रामनाथ कोविंद को समर्थन दिए जाने के मामले में कांग्रेस के बयान पर जनता दल यूनाइटेड का पलटवार
  • जेडीयू ने कहा कि विपक्षी दलों के राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए गैर कांग्रेसी उम्मीदवार के नाम पर बनी थी सहमति
  • हालांकि कांग्रेस ने जिद और अड़ियल रवैये के कारण मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया

नई दिल्ली:

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार कोविंद को समर्थन दिए जाने के बाद पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और फिर कांग्रेस के निशाने पर आई जेडी-यू ने पलटवार किया है। साथ ही पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों से अलग जाने की वजह कांग्रेस का अड़ियल रवैया था।

जनता दल यूनाइटेड (जेडी-यू) के प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा कि विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर यह सहमित बनी थी कि वह कोई गैर कांग्रेसी व्यक्ति होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

त्यागी ने कहा, 'अधिकांश विपक्षी दल किसी गैर कांग्रेसी को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना चाहते थे। वामपंथी दल और हमारे बीच चेन्नई में जो रजामंदी हुई थी, उसके मुताबिक गोपाल कृष्ण गांधी को उम्मीदवार होना था लेकिन कांग्रेस के अड़ियल रवैये और जिद की वजह से यह संभव नहीं हो पाया।'

गौरतलब है कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी दलों की बैठक से पहले गोपाल कृष्ण गांधी और प्रकाश आंबेडकर के नाम को लेकर चर्चा चल रही थी, हालांकि बैठक में कांग्रेस ने पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर दिया।

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विपक्षी दलों की बैठक से एक दिन पहले ही नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाकर बीजेपी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन दिए जाने का ऐलान कर दिया था।

कुमार का यह फैसला विपक्षी दलों के लिए हैरान करने वाला था। कांग्रेस की बैठक के बाद बिहार की महागठबंधन सरकार में सहयोगी पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा था कि वह मीरा कुमार के समर्थन के लिए नीतीश को मनाएंगे। हालांकि नीतीश ने साफ कर दिया कि कोविंद को दिया उनका समर्थन का फैसला नहीं बदलेगा।

नीतीश के इस फैसले के बाद बिहार की महागठबंधन सरकार में उठापटक शुरु हो गई थी। लालू यादव के बेटे और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इशारों-इशारों में नीतीश कुमार पर हमला करने के बाद कांग्रेस ने भी उन पर निशाना साधा।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नीतीश ने अपनी राज्य की दलित नेता (मीरा कुमार) के हराने की पहले ही घोषणा कर दी। आजाद ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि जिनके कई सिद्धांत होते हैं वह अलग-अलग फैसले लेते हैं।

आजाद ने कहा, 'जिन लोगों के एक सिद्धांत होते हैं वह एक फैसला लेते हैं, लेकिन जो कई सिद्धांतों को मानते हैं। वह अलग-अलग फैसले लेते हैं।'

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