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बिहार के पिछड़ेपन को लेकर अमिताभ कांत के बयान पर JDU भड़का, दिया यह बयान

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के बयान पर जेडीयू ने आपत्ति जताई और कहा कि इस असमान विकास के लिए राज्य नहीं जिम्मेदार है, बल्कि इसके ऐतिहासिक कारण हैं।

Updated on: 24 Apr 2018, 06:08 PM

नई दिल्ली:

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत के बयान पर बिहार में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने आपत्ति जताई और कहा कि इस असमान विकास के लिए राज्य नहीं जिम्मेदार है, बल्कि इसके ऐतिहासिक कारण हैं।

कांत ने बयान दिया था है कि देश बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के कारण पिछड़ गया है।

जेडीयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने यहां कहा कि सभी क्षेत्रों के समान विकास से ही देश का संपूर्ण विकास हो सकता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि देश में असमान विकास के लिए कौन जिम्मेवार है?

उन्होंने कहा, 'पिछड़े राज्य की सूची में शामिल होने के बावजूद बिहार लगातार पिछले 12 वर्षो से विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर में राष्ट्रीय औसत से आगे रहा है। मानव विकास सूचकांक एक चुनौती है। जनसंख्या का घनत्व, क्षेत्रफल, पड़ोसी राज्यों के नदियों का कहर व अन्य प्राकृतिक आपदाओं को झेलने के कारण अगर मानव विकास सूचकांक के विकास में परेशानी आती है, तो इसका जिम्मेदार राज्य नहीं हो सकता।'

जेडीयू नेता ने कहा, 'आज देश में आर्थिक और सामाजिक असमानता उभरने का एक बड़ा कारण असमान विकास है। देश में जितने भी विकसित राज्य हैं, उनके विकास में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बिहारियों का योगदान रहा है। बिहार के लोग जब अन्य राज्यों के विकास में योगदान कर सकते हैं, तो फिर बिहार को क्यों नहीं विकसित किया जा सकता।'

उन्होंने कहा कि जेडीयू का ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सोच है कि बिना पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के देश का विकास नहीं हो सकता। यही कारण है कि पूर्वोत्तर राज्यों के विकास पर जोर दिया गया है।

नीरज ने कहा, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मानव विकास सूचकांक को बेहतर बनाने के लिए ही राज्य में शराबबंदी, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसी बुराइयों को समाप्त करने के लिए समाज में जनजागरूकता अभियान चलाया है, ताकि प्रति व्यक्ति आय के माध्यम से सामान्य जीवन स्तर को सुधारा जा सके।'

उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के सीईओ ने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में एक समारोह में कहा था कि देश के दक्षिणी और पश्चिमी राज्य तेजी से तरक्की कर रहे हैं, लेकिन बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों के कारण भारत पिछड़ा बना हुआ है।

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